देहरादून। कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को भाजपाईयों के द्वारा हमले के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच उत्तराखण्ड में राजनीति का लोकल ड्रामा शुरू हो गया है। जहां आमने-सामने की इस लड़ाई में कांग्रेस एकजुट नजर आ रही है। तो वहीं कांग्रेस मुख्यालय में हमले को लेकर सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की अलग-अलग बयानबाजी से पार्टी में बिखराव की स्थिति नजर आ रही है। प्रदेश की राजधानी देहरादून में कांग्रेस दफ्तर के बाहर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भिड़ंत के बाद अब जहां कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह भाजपा को कोर्ट में घसीटने की बात कर रहे हैं। उधर बीजेपी संगठन अपने कार्यकर्ताओं के पीछे खड़ा हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अलग लाइन ले ली है।
बुधवार को भाजपा द्वारा राफेल के मुद्दे पर शुरू हुआ आंदोलन कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर तोड़फोड़ के बाद खत्म हुआ। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा में एक-दूसरे को गलत साबित करने की होड़ शुरू हो गई है. लंबे अरसे बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की एक राय बनी है।
हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं का हमला बीजेपी की गुंडागर्दी को दिखाता है। उधर प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस कानून का सहारा लेगी और भाजपा को इस मामले में कोर्ट में ले जाएगी।
इसके विपरीत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एक बार फिर अलग-अलग बात कर रहे हैं। बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट ने कार्यकर्ताओं का पक्ष लेते हुए कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे उन्हें कांग्रेसियों ने भड़काया था. दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी हुआ वह ठीक नहीं था और बीजेपी कार्यकर्ताओं को समझाया जाएगा।
बीजेपी के अंदर इस मतभेद के बावजूद यह तय है कि फिलहाल बीजेपी-कांग्रेस के बीच यह राजनीतिक जंग थमने नहीं जा रही है बल्कि जैसे-जैसे आम चुनाव नजदीक आएंगे दोनों ओर से हमले बढ़ेंगे ही।