बागेश्वर  जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 27 करोड़, 55 लाख, 27 हजार, 604 रुपये का अनुमानित बजट पास किया गया। | Jokhim Samachar Network

Sunday, May 12, 2024

Select your Top Menu from wp menus

बागेश्वर  जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 27 करोड़, 55 लाख, 27 हजार, 604 रुपये का अनुमानित बजट पास किया गया।

जिपं का 27 करोड़, 55 लाख का अनुमानित बजट पास
बागेश्वर  जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 27 करोड़, 55 लाख, 27 हजार, 604 रुपये का अनुमानित बजट पास किया गया। इसके साथ ही जिला पंचायत से कराये गए कार्यों का जल्द जेई से स्थलीय निरीक्षण कराकर भुगतान करने का प्रस्ताव पास किया गया। जिला पंचायत भवन बनाने के लिए प्रस्ताव पास कर उसे स्वीकृत के लिए शासन को भेजा जाएगा। जिला पंचायत सभागार में मंगलवार को जिपं अध्यक्ष बसंती देव की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक शुरू हुई। बैठक में सदस्यों ने जिला पंचायत द्वारा किए गए कार्यों को भुगतान करने को कहा। इससे पहले जेई से स्थलीय निरीक्षण कराने को कहा गया। इस पर सदन ने अपनी सहमति दे दी। इसके बाद नये वित्त वर्ष के लिए अनुमानित बजट पर चर्चा हुई। सर्व सम्मति से 27 करोड़, 55 लाख का अनुमानित बजट पास हुआ। सदन में जिला पंचायत का नया भवन बनाने व सभागार बनाने पर चर्चा हुई। सदन में सदस्यों भवन के लिए शेष राशि की जानकारी दी गई। सहमति के बाद भवन निर्माण के प्रस्ताव को शासन में भेजा जाएगा। बैठक में जिला पंचायत की धरोहर व परिसंपत्ति रखरखाव पर चर्चा की गई। जिसमें कौसानी को जिला पंचायत विश्राम गृह के अलावा अन्य विश्राम गृहों की मरम्मत पर सहमति जताई गई। सदन में सदस्यों ने विकास कार्यों पर चर्चा की। जिला पंचायत के कार्यों को गुणवत्ता व समय के साथ पूरा करने को कहा गया। बैठक में बहुद्देशीय भवन के किराये को कम करने पर भी चर्चा हुई। इसका प्रसताव सामान्य बैठक में पास हो चुका है। अब समिति के माध्यम से इसे शासन में भेजा जाएगा। शासन की संस्तुति के बाद आगे की कार्रवाई होगी। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य पूरन गड़िया, हरीश ऐठानी, वंदना ऐठानी, गोपा धपोला, पूजा आर्या, जर्नादन लोहुमी, नवीन नयन, भावना, प्रभा गड़िया, सुरेंद्र खेतवाल, इंद्रा परिहार आदि मौजूद रहे।
नदी बचाने के लिए ग्रामीणों को किया जागरूक
बागेश्वर  गरुड़। गोमती घाटी में चल रहे नदी बचाओ अभियान की टीम ने क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों को अभियान के साथ जोड़ा। हितैषी संस्था की ओर से चलाई जा रही पदयात्रा के दौरान डॉ. किशन राणा के नेतृत्व में पदयात्रियों ने स्कूली बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बच्चों को अपने समाज, संस्कृति, परंपराओं से जुड़कर सीख लेने को कहा। राजकीय जूनियर हाईस्कूल रौल्याना में नदी बचाओ अभियान की टीम का बच्चों ने स्वागत किया। बच्चों ने ‘क्या है जंगल के उपकार, मिट्टी पानी और बयार नारा लगाया। गिर्दा का गीत ‘जैता एक दिन तो आलौ उ दिन यो दुनी में गीत गाया। पदयात्रा दल के डॉ. वीरेन्द्र पाल, मदन गिरी ने बच्चों को संबोधित किया। यहां प्रधानाध्यापक नीरज पंत, दीपक पांडेय, भास्कर पंत आदि मौजूद रहे।
खनन के लिए सीमांकन करने पर भड़के ग्रामीण
बागेश्वर   खड़िया खनन के लिए सीमांकन करने की कार्रवाई पर कांडे थपलिया गांव के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। नाराज ग्रामीणों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया। डीएम को ज्ञापन सौंपकर सीमांकन की कार्रवाई रोकने की मांग की है। अनदेखी करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।ग्रामीण मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि 80 प्रतिशत गांव के लोग खड़िया खनन के पक्ष में नहीं हैं। अपनी भूमि में खनन पट्टा स्वीकृत नहीं करना चाहते हैं। ग्रामीणों के विरोध के बाद भी 19 फरवरी को कुछ अनजान लोग राजस्व विभाग की टीम के साथ गांव में पहुंचे। इस दौरान सीमांकन करने का काम करने लगे। इससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि वह खेती किसानी पर निर्भर हैं। खनन के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर प्रहार किया जा रहा है। उन्होंने डीएम से इस कार्य पर जल्द से जल्द रोक लगाने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस मौके पर हरीश पुरी, नारायण पुरी, गणेश सिंह, सुरेश सिंह, प्रताप पुरी, प्रकाश सिंह, हीरा गिरी, प्रकाश सिंह, उमेश सिंह, मनोज पुरी, दरपान पुरी, महेश सिंह, दरपान सिंह आदि मौजूद रहे।
कपकोट तहसील में रातभर बिजली गुल रही
बागेश्वर  भराड़ी से पहले चीड़ का पेड़ बिजली की मुख्य लाइन में गिर गया। इससे क्षेत्र की बिजली गुल हो गई। रातभर बिजली नहीं आने से लोग परेशान रहे। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश व बर्फबारी से लोग बेहाल रहे। लोगों का कहना है कि उनके बिजली से चलने वाले उपकरण शोपीस बने रहे। ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों का भय लोगों को सताता रहा। बागेश्वर- भराड़ी मार्ग पर सोमवार की देर रात बिजली की मुख्य लाइन में चीड़ का पेड़ गिर गया। इसके बाद धमाके के साथ क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। इस कारण भराड़ी, रीठाबागड़, दुलम, बांसे, लोहारखेत, सुमगढ़, सूपी, तलाई, गांसी, मुनार, वैछम आदि गांव के लोग परेशान रहे। 25 हजार की आबादी ने इसका दंश झेला। व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष शेर सिंह ने बताया कि सोमवार की शाम छह बजे बिजली गुल हुई और आठ बजे बहाल हुई। उसके बाद फिर से बिजली गुल हो गई। तीन घंटे बिजली प्रभावित होने के बाद फिर से बहाल हुई, लेकिन रात एक बजे बाद धमाके के साथ बिजली गुल हुई तो मंगलवार की सुबह आठ बजे बहाल हुई। बिजली के अभाव में उन लोगों को सबसे अधिक परेशानी हुई जिन घरों में मांगलिक कार्य हो रहे थे। बिजली से चलने वाले उपकरण शोपीस बने रहे। इधर ऊर्जा निगम के जेई कैलाश चंद्र उप्रेती ने बताया कि रात को चीड़ पेड़ गिरने से आपूर्ति ठप हुई थी। जिसे ठीक कर दिया है।
महिलाओं को दिया मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण
बागेश्वर आजीविका मिशन के तहत नगर पालिका सभागार में महिलाओं को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें क्षेत्र की 30 महिलाओं ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर होंगी। आज बाजार में मोमबत्तियों की अच्छी मांग है। दीपावली पर्व के अलावा अन्य दिनों में भी इसकी अच्छी खासी बिक्री होती है।
100 से अधिक श्रमिकों को बांटे कंबल
बागेश्वर श्रम विभाग के तत्वावधान में यहां शिविर लगाकर श्रमिकों को कंबल आदि सामग्री का वितरण किया गया। श्रम अधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि बागेश्वर ब्लॉक के 100 से अधिक श्रमिकों को कंबल व छतरी आदि दी गई।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *