वर्ष 2018 में कराए गए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के 125 लाख करोड़ रूपये के निवेश के दावे पर श्वेत पत्र जारी करे सरकारः माहरा   | Jokhim Samachar Network

Saturday, July 27, 2024

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वर्ष 2018 में कराए गए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के 125 लाख करोड़ रूपये के निवेश के दावे पर श्वेत पत्र जारी करे सरकारः माहरा  

देहरादून, । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में हुए दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 3 लाख 50 हजार करोड़ के निवेश करार के भाजपा सरकार के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा की धामी सरकार सम्मेलन में हुए करारों पर अपनी पीठ थपथपा रही है परन्तु राज्य सरकार को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि भाजपा की ही राज्य सरकार द्वारा 2018 में कराये गये इन्वेस्टर्स समिट में 125 लाख करोड़ के इन्वेस्ट का दावा किया गया था, जितने एमओयू हुए थे उनमें से कितने धरातल पर उतर पाये? उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने भी केवल प्रदेश की जनता और बेरोजगारों को भ्रमित करने का काम किया और वर्तमान धामी सरकार भी उसी राह पर है।
करन माहरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में 2018 में भी राज्य की जनता की गाड़ी कमाई के टैक्स के खर्च से वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन कर 125 लाख करोड़ रूपये की निवेश के दावे किये गये थे परन्तु वे हवा हवाई साबित हुए इस पर भाजपा सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। तत्कालीन त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने जनता की कमाई से राज्यभर में 7 लाख को रोजगार देने के बडे-बडे होर्डिंग बोर्ड लगाये थे, परन्तु अभी तक उस वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए करारों में से कितने धरातल पर उतर आये तथा राज्य के कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला इसका भी भाजपा सरकार के पास कोई जवाब नहीं है जबकि सरकारी आंकडे केवल 30 हजार करोड़ के निवेश को ही धरातल पर उतरा बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपाने के लिए केवल कम्पनियों से करार करती है परन्तु इसके बाद कई उद्योग सरकार की नाकामियों के चलते बुनियादी ढांचा उपलब्ध न कराने की बात कह कर निवेश करने से पीछे हट जाती हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार 6000 करोड़ एकड जमीन चिन्हित करने की बात कर रही है परन्तु जो एमओयू पिछले वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए उनके लिए जमीन क्यों नहीं उपलब्ध हो पाई? उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा होता यदि राज्य सरकार पहले औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए जमीन चिन्हित करती तथा उसके बाद इस प्रकार के वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित किये जाते तो राज्य की जनता को विश्वास होता परन्तु राज्य सरकार ने एक बार फिर प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स के अरबों रूपये खर्च कर वैश्विक निवेशक सम्मेलन तो आयोजित कर दिया परन्तु वह धरती पर उतर पायेगा इस पर संदेह है।

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