पौड़ी। जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब विज्ञान, प्रोद्योगिकी व गणित जैसे विषयों को रोचक और आसानी से समझने में मदद मिलेगी। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ने पौड़ी के डायट में स्टेम लैब की स्थापना कर दी है। इस स्टेम लैब के डिजिटल इक्वलाइज़र प्रोग्राम के तहत छात्र-छात्राओं को पेचीदा विषयों को रोचक ढंग से पढ़ने और समझने में सहूलियत मिल पाएगी। इतना ही नहीं छात्रों को आवर्त व गुणन सारणी भी आसानी से समझ में आ सकेगी। आने वाले दिनों में पौड़ी जिले के सरकारी स्कूल के बच्चे भी गणित, विज्ञान और प्रोद्योगिकी जैसे पेचीदा विषयों पर अपनी कमान साधते नजर आएंगे। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ने डायट चढ़ीगांव में स्टेम लैब को शुरू किया है। इस प्रयोगशाला में गणित और विज्ञान विषयों के लिए व्यावहारिक गतिविधियों के लिए मॉडल और सामग्री उपलब्ध करायी गई है। यानी स्टेम लैब में जीवंत मॉडल और आधुनिक तरीकों से बच्चों को पढ़ाया जाएगा। राज्य शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) देहरादून के साथ साझेदारी कर जनपद के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) चढ़ीगांव पौड़ी में एसटीइएम (स्टेम) लैब की स्थापना व शुभारंभ किया जा चुका है। लैब का उद्घाटन गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीएस रावत व डायट प्राचार्य एलएस दानु ने किया। उन्होंने बताया कि स्टेम लैब आधुनिक समय में बच्चों को पेचीदा विषयों को पढ़ाने और समझाने में अहम भूमिका अदा करेगा। कहा कि 2015 से अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों में नवाचार ला रहा है। साथ ही सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट कार्य भी कर रहा है। मौजूदा समय में 5 जिलों के 130 विद्यालयों में कार्य करने के लिए अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट का समग्र शिक्षा के साथ एमओयू हुआ है।
लैब कैसे करेगा काम: स्टेम लैब के डिजिटल इक्वलाइज़र प्रोग्राम के तहत डायट में 73 मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। जिनमें गणित, विज्ञान, प्रोद्योगिकी व तकनीकी विषयों के बेसिक मॉडल के द्वारा इन विषयों को समझाया जाएगा। जिन्हें 6 से कक्षा 8 तक के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के साथ मैप किया गया है। ये मॉडल छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी विषयों को व्यावहरिकता से सीखने की सुविधा प्रदान करेंगे। स्टेम लैब विज्ञान, प्रोद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित में छात्रों को कौशल सिखाने के विचार पर आधारित है। डायट के प्राचार्य एलएस दानु ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत पहले हर ब्लाक के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक अपने विद्यालयों में बच्चों को तकनीकी रूप से विषयों की जानकारी देंगे।