देहरादून। उत्तराखण्ड में भीषण गर्मी के बीच गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में चारों तरफ जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। अब तक कुमाऊं के जंगलों, वन पंचायतों और सिविल सोयम में 373.035 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंच चुका है। जंगल की आग नैनीताल के पटवाडांगर जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के पुराने भवन की छत तक पहुंच गई। छत जलने के साथ ही भवन को भी नुकसान हुआ है। बाराकोट (चंपावत) वन क्षेत्र की आग जीआईसी परिसर तक पहुंच गई जिसे बमुश्किल बुझाया जा सका। कार्बेट पार्क के कालागढ़ के जंगलों में भी आग लगी, जिसे बुझा दिया गया है।
पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र में धामी फल्याती और मूर्ति, कालूछीना के वनों में आग लगने से बहुमूल्य वन संपदा खाक हो गई है। अल्मोड़ा के गैराड़ मंदिर से सटे जंगल, जौरासी, ताकुला ब्लाक में गणानाथ और मोहान तथा सोमेश्वर के जंगलों और मौलेखाल क्षेत्र में भी कई जंगलों में आग लगी है। नैनीताल जिले के ज्योलीकोट क्षेत्र के लगी आग से मनोरा रेंज के नैनागांव, देवीधूरा, बल्दियाखान, पटवारडांगर, ताकुला आदि क्षेत्रों में वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है।
ओखलकांडा के छिड़ाखान, डालकन्या, बेडूचुला, बलना, बडौन गांव के जंगलों में लगी आग से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। चंपावत में वनाग्नि बाराकोट जीआईसी परिसर तक पहुंच गई। डीडीहाट के क्षनपट्टा के जंगलों में सीराकोट के नीचे, कनालीछीना के ग्राम पंचायत सिरौली के जंगल, गणाई गंगोली के वन पंचायत कूना भेतकुड़ी में आग से काफी नुकसान हुआ है।