पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब | Jokhim Samachar Network

Friday, May 17, 2024

Select your Top Menu from wp menus

पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

देहरादून। राज्य आन्दोलन के जननायक और पूर्व विधायक रहे रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में मंगलवार सुबह भारी हुजूम उमड़ा। गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। सुबह दस बजे उनके आवास से अंतिम यात्रा निकली और लक्खीबाग देहरादून में उनका अंतिम संस्कार किया। सोमवार सुबह सात बजे उनका स्वर्गवास हो गया था।
पूर्व विधायक और राज्य आंदोलनकारी रणजीत सिंह वर्मा का सोमवार सुबह जौलीग्रांट अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अस्पताल में पिछले पांच दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वे अविभाजित उत्तरप्रदेश की मसूरी विधानसभा के दो बार विधायक रहे थे। उनके निधन पर उनके निकट सहयोगी रहे क्षेत्र के तमाम लोगों ने दुख जताया है। जौलीग्रांट के पूर्व प्रधान और उनके सहयोगी रहे कुंवर सिंह मनवाल कहते हैं कि उनके निधन की खबर डोईवाला के लिए अपूर्णनीय क्षति है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुरूख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड के निर्माण में रणजीत सिंह के संघर्षों को सदैव याद रखा जाएगा। पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा के निधन पर क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं। उनका नाम शिक्षा के प्रचार प्रसार और गन्ना राजनीति में बेहद आदर के साथ लिया जाता है। आजीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर चलकर उन्होंने गन्ना राजनीति और डोईवाला में शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया। पृथक राज्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा का कार्य क्षेत्र डोईवाला रहा। तरली जौलीग्रांट में उनका निवास स्थान है। क्षेत्र में उनके पास काफी खेती बाड़ी होने के कारण प्रगतिशील किसान कहा जाता रहा है। गन्ना राजनीति में करीब तीन दशक से भी अधिक समय तक उनकी पकड़ रही है। गन्ना परिषद डोईवाला में करीब 25 सालों तक लगातार अध्यक्ष का दायित्व निभाया। डोईवाला शुगर मिल के पुनर्निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान रहा। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. नारायणदत्त तिवारी से उनका स्नेह होने के कारण डोईवाला चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाकर उसको आधुनिक रूप दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही एक शिक्षक के रूप में भी उन्होंने काम किया। क्षेत्र के सबसे पुराने पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला के प्रबंधक का काम साल 1966 से 2018 तक निभाया। जबकि आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज के वह अभी तक प्रबंधक बने रहे थे।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *