बारिश के चलते सड़के पुल टुटने से अब तक 35 करोड़ के नुकसान का आंकलन | Jokhim Samachar Network

Saturday, May 18, 2024

Select your Top Menu from wp menus

बारिश के चलते सड़के पुल टुटने से अब तक 35 करोड़ के नुकसान का आंकलन

देहरादून। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखण्ड में इस बार भी मानसून ने अपना खूब कहर बरपाया है। इस वर्ष अब तक भारी बारिश के चलते पुल और सड़कें टुटने से अब तक 35 करोड रूपए के नुकसान का आंकलन किया गया है। जबकि अभी भी मानसून चरम पर है।
उत्तराखंड में मॉनसून के सक्रिय होते ही बारिश की वजह से आने वाली मुसीबतों का सिलसिला शुरु हो जाता है। पिछले डेढ़ महीने में अकेले पुलों और सड़कों के मामले में उत्तराखंड को करीब पैंतीस करोड़ रुपये का नुकसान पहुंच चुका है। लोक निर्माण विभाग के पांच पुल ध्वस्त हो चुके हैं तो एनएच के दो पुलों को नुकसान पहुंचा है। विभाग फौरी तौर पर ही इन मार्गों को खोलने में अभी तक दस करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।
सबसे अधिक नुकसान चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले में हुआ है। चमोली में दो पुलों के ध्वस्त होने के साथ ही करीब आठ करोड़ का नुकसान हो चुका है। नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में चार करोड़, तो उत्तरकाशी और टिहरी में पांच करोड़ का नुकसान का अनुमान है। जबकि बारिश और भू-स्खलन से इस डेढ़ महीने में पीएमजीएसवाई को नौ करोड़, एनएच को छह करोड़ तो तो लोक निर्माण विभाग को बीस करोड़ का नुकसान पहुंच चुका है। सबसे अधिक सिरदर्द रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड हाईवे बना हुआ है. यहां बांसवाड़ा लैंडस्लाइड पिछले एक महीने से लगातार सक्रिय है। पिथौरागढ़ में तवाघाट-नारायण आश्रम मोटर रोड सुनपाल के पास लैंडस्लाइड के कारण बार-बार बाधित हो रही है। चमोली में घाट-रामणी मोटर मार्ग विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
उत्तरकाशी में यमनोत्री हाईवे पर डबरकोट लैंडस्लाइड जोन नासूर बन गया है। चंपावत-पिथौरागढ़ एनएच9 में धौन के पास बने नए भूस्खलन जोन इस साल लगातार सक्रिय रहा है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *