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Monday, May 20, 2024

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वन विभाग मुख्यालय में ई-ऑफि़स कार्यप्रणाली शुरू

सीएम त्रिवेन्द्र ने किया शुभारम्भ
चमोलीव पिथौरागढ़ में बनेगा भालुओं का रेस्क्यू सेंटरः त्रिवेन्द्र
देहरादून । मुख्यमं=ी त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजपुर रोड स्थित उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-ऑफि़स कार्यप्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। झाझरा में ‘आनंद वन’ सिटी फ़ॉरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमं=ी ने साधाना जयराज को प्रशस्ति प= देकर सम्मानित किया।
मुख्यमं=ी ने वन विभाग के अधिाकारियों को निर्देश दिया कि ई-ऑफि़स प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षे=ीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाय। प्रधाानमं=ी नरेन्द्र मोदीने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरूआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सम्मुख हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई। ग्रीष्मकालीन राजधाानी गैरसैंण को ई-विधाानसभा बनाया जा रहा है। 37 ऑफि़स, ई-ऑफि़स प्रणाली से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा।
मुख्यमं=ी त्रिवेन्द्र ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फ़लदार वृक्ष लगाये जायेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा अभी से तैयारियां शुरू की जाय। ये फ़लदार वृक्ष जंगलों में भी लगाये जायेंगे, जिससे जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रें में कम आयेंगे। जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धाता जंगलों में पूरी हो सके। राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एक=ीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1-5 रूपये प्रति किग्रा एक=कर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे फ़ायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एक=ीकरण का कार्य एक अच्छा माधयम बन रहा है।
इस अवसर पर वन विभाग के सलाहकार व ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाधयक्ष डॉ- एस-एस-नेगी, अधयक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ़ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी नरेश कुमार एवं वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिाकारी उपस्थित थे।

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