व्यापारी नेता ने देवभूमि व्यापार मंडल पर लगाए गंभीर आरोप | Jokhim Samachar Network

Friday, July 26, 2024

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व्यापारी नेता ने देवभूमि व्यापार मंडल पर लगाए गंभीर आरोप

 

अल्मोड़ा   व्यापारी नेता दीपेश जोशी ने पत्रकार वार्ता कर देवभूमि व्यापार मंडल पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि एक सोची समझी साजिश के तहत उन्हें देवभूमि व्यापार मंडल से बाहर करने की साज़िश रची जा रही है। दीपेश जोशी ने कहा कि अल्मोड़ा में देवभूमि व्यापार मण्डल को स्थापित करने वाले वे ही थे और आज इस तरह निजी स्वार्थ के चलते देवभूमि व्यापार मंडल के द्वारा उन्हें बाहर करने की कोशिश की जा रही है ताकि वे देवभूमि व्यापार मंडल का चुनाव ना लड़ सके। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष पद के नामांकन हेतु फार्म खरीद कर फीस भी जमा कर दी गई थी जिसमें उनका तीन हजार छ सौ रूपये का खर्च आया था। लेकिन जान बूझकर राजनीतिक द्वेष के चलते देवभूमि व्यापार मंडल में उनकी सदस्यता पर्ची नहीं बनाई गयी और इसी आधार पर उन्हें चुनाव से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा का सभी व्यापारी उनके साथ खड़ा है और यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वे व्यापारी हित में नया व्यापार मंडल बनाने की भी सोच सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय ना मिलने की स्थिति में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष का पुतला फूंकने की भी बात कही। विदित हो कि बीते दिन देवभूमि व्यापार मंडल के चुनाव अधिकारियों द्वारा दीपेश जोशी की देवभूमि व्यापार मंडल में सदस्यता पर्ची ना होने का हवाला देते हुए उनका अध्यक्ष पद पर नामांकन निरस्त कर दिया गया था और वहीं अध्यक्ष पद पर एक प्रत्याशी को देवभूमि व्यापार मंडल ने निर्विरोध अध्यक्ष बना दिया।

पोलियो की खुराक से कोई भी बच्चा छूटने न पाए: जिलाधिकारी
अल्मोड़ा    आगामी 03 मार्च, 2024 को राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए नवीन कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी विनीत तोमर ने चिकित्सा विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिये कि पोलियो की खुराक से कोई भी बच्चा छूटने न पाये। उन्होंने मुख्य शिक्षाधिकारी को निर्देश दिये कि जिन विद्यालयों में पल्स पोलियो बूथ बनाये गये है वे 03 मार्च को खुले रहेंगे। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि इस कार्य को सफल बनाने हेतु कार्ययोजना समय से बना ली जाय। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बूथ पर कार्य करने वाले कर्मचारियों एवं सुपरवाईजरों को समय से प्रशिक्षण दे दिया जाय। इस दौरान जिलाधिकारी ने कोल्ड चैन उपकरणों की उपलब्धता व आवश्यकता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आर सी पंत ने बताया कि जनपद में में 05 वर्ष तक के 49,280 बच्चों को पोलियो की ड्राप पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जनपद के विभिन्न ब्लॉकों के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में में पोलियो के लिये 653 बूथ बनाए गए हैं जिसमें हाई रिस्क बूथों की संख्या 40, ट्रांजिट बूथ 20 एवं 07 मोबाईल बूथ बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का समय प्रातः 09 बजे से शाम 04 बजे तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिसमें ग्रामीण बूथों की संख्या 615 व शहरी बूथों की संख्या 38 है जो बच्चे 03 मार्च को पोलियो ड्राप से वंचित रहे जाते हैं तो उन बच्चों को घर-घर जाकर दिनांक 04 व 05 मार्च को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इन सभी पोलियों बूथों में स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को इस कार्य में लगाया गया है ।  इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ दीपांकर डेनियल, डॉ योगेश पुरोहित, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास पीताम्बर प्रसाद सहित बूथों में तैनात स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

ज्ञान एवं विज्ञान से ही लोक संस्कृति में आती है क्रांति: प्रो सतपाल बिष्टअल्मोड़ा    सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में हिमालयी लोग संस्कृति पर आयोजित होने वाली दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को लेकर कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने पत्रकार वार्ता कर विस्तृत जानकारी दी। गुरुवार को इतिहास विभाग के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को विरासत का हस्तांतरण भी लोग संस्कृति के द्वारा ही होता है। प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि वर्तमान युग में अकादमी गतिविधि के अलावा सोशल मीडिया ने भी संस्कृति को बदलने में योगदान दिया है। बिना पढ़े लिखे लोग भी संस्कृति सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विज्ञान से ही क्रांति आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक और इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो बीडीएस नेगी ने कहा कि सेमिनार के लिए देश-विदेश से लगभग 200 से अधिक शोध पत्रों के सारांश मिल चुके हैं। जिसमें जर्मनी, पुर्तगाल, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश आदि देश शामिल है। प्रो देव सिंह पोखरिया ने कहा कि भारत के हर राज्य में लोक संस्कृति केंद्र है यह विषय अत्यंत विस्तृत है हिंदू कुश पर्वत से लेकर म्यांमार तक सभ्यता संस्कृति किस तरह से फैली यह बहुत ही अधिक चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि लोग का अर्थ है जनसाधारण से है, उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में लोक का अर्थ आदिम संस्कृति असंस्कृति लोगों और ऐतिहासिक चीजों से लिया जाता था, परन्तु वर्तमान में भाषाई विविधता, पुरातात्विक, सामुदायिक, जनजाति जातियां, उपजातियां के अध्ययन को भी जोड़कर देखा जाता है। प्रो हामिद अली ने कहा कि लोक संस्कृति को भाषा से जोड़कर देख सकते हैं। भारत में सीजन से जुड़ी हुई अनेक परंपराएं हैं। यहां प्रकृति को सेलिब्रेट करने की लोक संस्कृति है। इसीलिए संस्कृति को हमें विस्तृत रूप में अध्ययन करने की आवश्यकता है। इस मौके पर सेमिनार के सह संयोजक गोकुल देउपा, रवि कुमार प्रेम प्रकाश पांडे मौजूद रहे।

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