ऋषिकेश। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम महाराज का पांचवां निर्वाण दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। संतों ने निर्वाण दिवस पर पूजा अर्चना कर उन्हें याद किया। बुधवार को मायाकुंड स्थित श्रीजनार्दन आश्रम शंकराचार्य समाधि स्थल पर संतों ने विधि विधान से पूजन किया। शंकराचार्य भगवान की पादुका का पूजन आचार्य मुकुंद शास्त्री, आचार्य मणिराम पैन्यूली, आचार्य डॉ. जनार्दन कैरवान द्वारा संपादित किया गया। ब्रह्मलीन शंकराचार्य मधावाश्रम के शिष्य केशवस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि गुरुदेव ने आजीवन सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया है, उनका ध्येय यही था कि गो, गंगा और गायत्री की उपासना होती रहे। हम भी उनके बताए गए सद्मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं। इस दौरान हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड आदि जगहों से आए भक्तों ने गुरु की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मौके पर दंडी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ महाराज, आशीष ब्रह्मचारी, श्रीमहंत अभय चैतन्य, संजय शास्त्री, एलपी पुरोहित, शैलेंद्र मिश्र, हर्षमनी पैंन्यूली, गंगाराम व्यास, महेश चमोली, जितेंद्र प्रसाद भट्ट, पुरुषोत्तम रणकोटी, महेश चमोली, आशाराम व्यास आदि उपस्थित रहे।