देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण में सीबीआइ की ओर से दर्ज रिपोर्ट में प्रदेश की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का नाम आने से पार्टी खुद को असहज महसूस कर रही है। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। असहज होने वाली कोई बात नहीं है।
उधर, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने प्रकरण में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि आने वाले वक्त में दूध का दूध और पानी हो जाएगा। वह किसी षड्यंत्र से भयभीत होने वाले नहीं हैं और उन्हें मंत्री पद का लालच भी नहीं है।
2016 में कांग्रेस की हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अहम भूमिका रही थी। इसके साथ ही डॉ. रावत भी उन कांग्रेस विधायकों में थे, जो इस प्रकरण के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग प्रकरण भी खासा चर्चा के केंद्र में रहा था और भाजपा ने इसे हर स्तर खूब भुनाया भी।