विकासनगर। मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर रविवार को भोजनमाताओं ने प्राथमिक विद्यालय हरबर्टपुर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार ने उन्हें पांच हजार रुपए मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन करीब पांच माह बीत जाने के बावजूद अभी तक घोषणा पर अमल नहीं हुआ है।
भोजनमाता संगठन की प्रदेश महामंत्री माधुरी तोमर ने कहा कि जुलाई माह में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भोजनमाताओं का मानदेय बढ़ाने का वादा किया, लेकिन अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया गया। कहा कि शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा अभियान के अपर निदेशक डा. मुकुल कुमार सती को भोजन माताओं का पांच हजार रुपये प्रतिमाह देने संबंधी शासनादेश जारी करने को दिशा निर्देशित किया था। महंगाई के दौर में अल्प मानदेय से परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो रहा है। पिछले सत्रह वर्षों से अधिक समय से सरकारी विद्यालयों में काम करने वाली भोजन माताओं को श्रम कानूनों के अनुरूप मानदेय नहीं दिया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण का दावा करने वाली सरकार ही मातृशक्ति का शोषण कर रही है। मानदेय बढ़ाने की मांग कई बार सीएम के जनता दरबार में भी रखी जा चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश में भोजनमाता कोष का गठन किया जाना चाहिए, जिससे सेवानिवृत्त होने पर भोजनमाता को सम्मानजनक निधि मिल सके। प्रत्येक भोजनमाता को दस आकस्मिक अवकाश दिए जाने चाहिए, जिससे वह पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सके। भोजनमाताओं ने जल्द मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में संगठन की प्रदेश अध्यक्ष उषा देवी, उमा पाल, लक्ष्मी, नसीमा, श्यामो, दयावती, सुमन, लज्जा, गुड्डी आदि शामिल रहे।