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Friday, April 26, 2024

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अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा पदाधिकारियों की बैठक संपन्न

देवस्थानम् बोर्ड को तत्काल भंग करे सरकार: महेश पाठक
हरिद्वार।अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारियों की हरिद्वार में संपन्न हुई बैठक में देवस्थानाम् बोर्ड को तत्काल वापस लिए जाने सहित देश के विभिन्न तीर्थो से जुड़े मुद्दों व तीर्थ पुरोहित समाज की समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिखौला, डा.सुरेश भारद्वाज, कन्हैया लाल त्रिपाठी, वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ, श्री गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, प्रवक्ता अमित कुमार, सह प्रवक्ता अविक्षित रमन, नासिक से आए सतीश, देवस्थानम् बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन से जुड़े कृष्णकांत कोठियाल सहित देश भर से आए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी मौजदू रहे। बैठक में तीर्थ पुरोहितों के उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त करते हुए एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया गया। इसके अलावा उत्तराखण्ड के देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करने, मंदिरों के अधिग्रहण, हरिद्वार, गया, उज्जैन आदि तीर्थो पर अस्थि विसर्जन, श्राद्ध आदि धार्मिक कार्यो पर लगी रोक को हटाने, गंगा, यमुना, क्षिप्रा, गोदावरी सहित सभी नदियों में हो रहे प्रदूषण को दूर करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने, युवा संगठन को गति प्रदान करने, विंध्याचल में मंदिरों के चारो तरफ कॉरिडोर बनाए जाने, समस्त तीर्थो को रेल व सड़क मार्ग से जोड़ने, कश्मीर में मंदिरों में पुजोरियों की व्यवस्था एवं सुरक्षा के संदर्भ में विचार विमर्श किया गया।
बैठक के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक व वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ ने कहा कि पूरे देश में ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न किया जा रहा है। तीर्थ स्थलों का अधिग्रहण किया जा रहा है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन के बावजाूद उत्तराखण्ड में गठित देवस्थानम् बोर्ड को भंग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवस्थानम् बोर्ड को तत्काल भंग किया जाए। यदि देवस्थानम् बोर्ड को भंग नहीं किया गया तो विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध किया जाएगा। कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड भंग करने को लेकर सरकार लगातार टालमटोल कर रही है। तीन मुख्यमंत्री बदले जाने के बावजूद अभी तक बोर्ड को भंग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा के अधिकांश विधायक बोर्ड के खिलाफ हैं। लेकिन पार्टी के खिलाफ बोलना नहीं चाहते। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बोर्ड को तत्काल भंग नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज करते हुए आमरण अनशन व आत्मदाह जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे और चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा।

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