
-फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाए सरकार
देहरादून। अखिल भारतीय किसान सभा के आसन मंडल किसान सभा का सम्मेलन मंगलवार को दून स्थित एक वेडिंग में आयोजित हुआ। अमर बहादुर शाही की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में 18 गांव से आए 102 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की मांग प्रमुखता के साथ उठी। किसान नेता माला गुरुंग ने सम्मेलन का झंडा रोहण किया। सम्मेलन का उद्घाटन जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह ने किया। इस दौरान किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। राजेंद्र पुरोहित ने बीते सालों में किसान सभा के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। रिपोर्ट पर कई प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे व अपने गांव से संबंधित समस्याओं को लेकर प्रस्ताव रखे। जिन्हें कार्ययोजना में शामिल किया गया। सम्मेलन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने, किसानों व खेतों में काम करने वाले मजदूरों का ऋण माफ करने, 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक पेंशन देने, शहरी क्षेत्रों में मनरेगा का विस्तार करते हुए 200 दिन काम करने और 600 रुपये मजदूरी देने, महंगाई पर रोक लगाने, खाद्य पदार्थों से जीएसटी हटाने, केरल की तर्ज पर आवश्यक 14 वस्तुएं राशन दुकान से उपलब्ध करवाने, फसलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने, लोगों को आवास उपलब्ध करवाने, अग्निवीर योजना को वापस लेने समेत विभिन्न मांगों को प्रमुखता के साथ उठाया गया। भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की गई। सम्मेलन में 23 सदसीय काउंसिल का चुनाव हुआ। इसमें अमर बहादुर को अध्यक्ष, उषा देवी को उपाध्यक्ष, प्रदीप कुमार को मंत्री बनाया गया। इसके अलावा भी अन्य पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सजवान, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद देवली, जिला उपाध्यक्ष याकूब अली, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कमलेश खंतवाल, किसान सभा के जिला महामंत्री कमरूदीन आदि मौजूद थे।