जिलाधिकारी ने राजकीय चिकित्सालय पदमपुरी का निरीक्षण किया | Jokhim Samachar Network

Tuesday, April 30, 2024

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जिलाधिकारी ने राजकीय चिकित्सालय पदमपुरी का निरीक्षण किया

नैनीताल । जनस्वास्थ्य के प्रति गम्भीर एवं संवेदनशील युवा जिलाधिकारी सविन बंसल की कोशिश है कि जिले के हर आम एवं गरीब आदमी को बेहतर स्वास्थ सेवायंे मिले ताकि वो स्वस्थ रहकर समाज व राष्ट्र के विकास मे योगदान कर सके। जनस्वास्थ्य श्री बंसल की प्राथमिकता मे शामिल है जब से उनकी जिले में आमद हुई है तब से वह जिले के सरकारी अस्पतालों में सुविधाये बढाने की दिशा मे कार्यरत है। श्री बंसल का मानना है कि अगर अस्पतालांे मे आधुनिकतम पैथोलाॅजी लैब हो तो निश्चय ही ओपीडी में मरीजों की संख्या मे इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी जांचें कराने के लिए दुर्गम इलाकांे के मरीजांे को हल्द्वानी शहर का रूख करना पडता है, जिससे उनके समय और धन की बर्बादी होती है। इसी तथ्य को संज्ञान मे रखते हुये जिलाधिकारी श्री बंसल ने गुजरे समय मे राजकीय चिकित्सालय गरमपानी में आधुनिकतम पैथोलॅाजी लैब, एक्सरे मशीन तथा अल्ट्रासाउन्उ की व्यवस्था की थी जिसका परिणाम यह हुआ की गरमपानी चिकित्सालय मे पहले केेवल 15 से 20 मरीज आ रहे थे आज वह संख्या बढकर 150 से 200 हो गई है।
बीते रोज जिलाधिकारी ने राजकीय चिकित्सालय पदमपुरी का निरीक्षण किया। निरीक्षण मे उन्हें बताया गया कि चिकित्सालय  में किसी भी प्रकार की पैथोलाजी लैब ना होने के कारण मरीजों को दूर शहरों मे जाकर जांच करानी पड रही है। इस पर जिलाधिकारी श्री बंसल ने जनस्वास्थ के मद्देनजर तत्काल निर्णय लिया और उन्होने कहा कि इस चिकित्सालय में तीन सप्ताह के भीतर सभी सुविधाओं से लैस पैथोलाजी लैब शुरू कर दी जायेगी फिर दूरदराज के लोगों को जांच कराने के लिए कही दूर नही जाना पडेगा। पैथोलाॅजी रिपोर्ट के अध्ययन के बाद चिकित्सक को भी आसानी रहती है और बेहतर इलाज मरीजों को मिल सकेगा। उन्होेने कहा कि स्थापित होने वाली लैब के लिए टैक्नीशियन की व्यवस्था उपनल के माध्यम से की जायेगी। चिकित्सालय मे अल्ट्रासाउन्ड तथा एक्सरे मशीन की व्यवस्था भी जिला योजना फंड से कराई जायेगी। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास है कि जिले के सुदूरवर्ती इलाकों मे रह रहे लोगोें को बेहतर जनस्वास्थ की सुविधायंे मिलें। उनका मानना है कि प्रत्येक नागरिक समाज व राष्ट्र की धरोहर है। स्वस्थ्य शरीर मे ही स्वस्थ्य मष्तिस्क रहता है। स्वस्थ्य व्यक्ति ही रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्यो को अंजाम दे सकता है जो कि विकास के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है।

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