शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला में “गांधी की 150 वी जन्म शताब्दी” केअवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था-“सत्य अहिंसा व मानवता का भविष्य” ।इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ विजय शंकर शुक्ला पूर्व सयुंक्त निदेशक ग्राम्य विकास विभाग ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत कभी भी पाणिनी ,शंकराचार्य , व गांधी को कभी भुला नही सकेगा। गांधी जी की विशेषता यही रही जो हाशिये पर है, जो महत्त्वहीन है, गांधी जी उनको सामने लाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को “हिन्द स्वराज” को पढ़ना चाहिए। इस अवसर पर डॉ अफ़रोज़ इक़बाल, डॉपल्लवी मिश्रा, डा० राखी पांचोल, डॉ डी एन तिवारी ने अपने विचार प्रकट करे। गांधीवादी विचारक श्रीमती कुसुम रावत ने कहा कि गांधी जी को समझने के लिए गांधी जी के धरातल पर आना होगा। श्री हरवीर सिंह कुशवाहा ने गांधी के विचारों को आत्मसात करने को कहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी.सी नैनवाल ने सत्य अहिंसा की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त करते हुए अथितियों का आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ डी. पी सिंह व डॉ अञ्जलि वर्मा ने किया। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवियों तथा प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने महाविद्यालय में श्रमदान के तहत गाजरघास का उन्मूलन किया।कार्यक्रम में डॉ एस. पी सती,NSS कार्यक्रम अधिकारी डॉ एस के कुड़ियाल,डॉ आर एस रावत ,डॉ एम एस रावत, डॉ नवीन नैथानी, प्रो. एन० डी०शुक्ला, डॉ सन्तोष वर्मा, ,डॉ कंचन लता सिन्हा, डॉ पूनम पांडे, डा०वंदना गौड़, डा० प्रतिभा बलूनी,डॉ आशा रोंगाली, कु,. जसप्रीत , कु. आराधना , अर्चित गौतम,जी० एस० कण्डारी,मनोज,रामेश्वर,सोमेश्वर,नवीन, महेश,रामलाल,शोभादेवी,ममता देवी,संजय,वृजमोहन, उपस्थित थे।