प्रदेश भर के शिवालयों में उमड़ा श्रद्धालुओं का हूजूम
देहरादून। सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच श्रद्धालुओं ने शिवलिंग में जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावल व पुष्प से भगवान शिव की पूजा की। उत्तरकाशी में काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक को लेकर सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
श्रावण के पहले सोमवार को धर्मनगरी हरिद्वार के शिवालयों में शिव भक्तों श्रद्धालुओं और कावड़ यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी। शिवालयों में इसके निमित्त पहले से सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी। रंग रोगन के साथ साथ शिव मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया भी गया था। शिवलिंग की आकर्षक साज-सज्जा करने के साथ ही देर रात से ही भजन कीर्तन शुरू हो गए थे।
सावन मास के पहले सोमवार पर आज तड़के से ही द्रोणनगरी सहित पूरे उत्तराखंड के मंदिरों में भोले बाबा की विशेष पूजा अर्चना हुई।
पहले सोमवार को उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिरों में तैयारियां पूरी हैं। इस बार सावन में चार सोमवार होंगे। देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में अभिषेक करते भक्त।सावन मास का समापन 15 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। सावन मास शुरू होते द्रोणनगरी के मंदिरों में शिव भक्तों का तांता लग रहा है। शिवालयों को फूल मालाओं व रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। आज पहले सोमवार के दिन द्रोणनगरी के प्राचीन टपकेश्वर मंदिर सहित सभी शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना की गई। किशनपुर कैनाल रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर, सहारनपुर चैक स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर समेत शहर के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। पंडित रमेश सेमवाल के अनुसार, इस बार सावन में कुल चार सोमवार आ रहे हैं। जो 22 जुलाई, 29 जुलाई, 05 अगस्त और 12 अगस्त को हैं।22 जुलाई को सावन के सोमवार के साथ मरु स्थली नाग पंचमी भी है। 29 जुलाई को सोम प्रदोष और स्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग बन रहा है। 05 अगस्त को देशाचारी नागपंचमी है। जबकि 12 अगस्त को सोम प्रदोष का योग है। 28 जुलाई को कामदा एकादशी है और 30 जुलाई को महाशिवरात्रि का पर्व है।