देहरादून। जहां एक ओर राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस में प्रियंका गांधी की एन्ट्री के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन को नई संजीवनी मिल गयी है। पर इसका कोई असर उत्तराखण्ड मंे होता नही दिखाई दे रहा है। उत्तराखण्ड में कांग्रेस दो धड़़ो में पूरी तरह से बंटती नजर आ रही है। कांग्रेस के दोनो गुट एक दुसरे के आमने सामने है।
उत्तराखण्ड मंें कांग्रेस की अर्तकलह थमने का नाम नही ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेयश के कारण उत्तराखण्ड कांग्रेस दो धड़ो मंे बंटती नजर आ रही है। जिसके चलते कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी फर्क पड़ता नजर आ रहा है। जहां भाजपा संगठन ने बूथ स्तर तक खुद को मजबूत कर लिया है। वहीं प्रदेश की राजधानी देहरादून मंे ही कांग्रेस काफी वाडो तक नही खुद को मजबूत नही कर पाई है। अभी हाल ही में जहां प्रियंका गंाधी के कांग्रेस संगठन में शामिल होेने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस को नए सिरे से मजबूती मिलेगी पर इसका असर उत्तराखण्ड में कहीं नजर नही आ रहा है। खुद पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और इंदिरा हृदेयश की आपसी लडाई के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं मंे हताशा और निराशा का माहोल है। यदि चुनाव से पहले इन दोनों को एक मंच पर लाने के प्रयास सफल नही हुए तो इसका खामियाजा पार्टी को आगामी लोकसभा मंे भुगतना पड़ सकता है।