देहरादून। पहले चैंपियन प्रकरण, फिर देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री और अब हरिद्वार का स्लॉटर हाउस. पार्टी की रीति-नीति के बिल्कुल उलट इन मुद्दों पर पार्टी न रोल बैक कर पा रही है और न मजबूती के साथ स्टैंड ले पा रही है। खुद को पार्टी विद डिफरेंस बोलने वाली भाजपा पिछले कुछ समय से अपनी ही सरकार के फैसलों से चैतरफा घिरती हुई नजर आ रही है।
पार्टी चैंपियन प्रकरण से पूरी तरह निपट भी नहीं पायी थी कि देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री लगाने और फिर गैरसैंण में जमीन खरीद बिक्री पर रोक हटाने के मामलों ने तूल पकड़ लिया। इससे पहले कि पार्टी इन सब मुद्दों से निपटने की रणनीति बना पाती, हरिद्वार के लक्सर में स्लॉटर हाउस खोलने का मामला उसके सामने खड़ा हो गया।
नतीजा रामनगर गए राज्यमंत्री धनसिंह रावत को अपने ही सहयोगी संगठन बजरंग दल के विरोध का सामना करना पड़ा। हालात ये हो गए कि बजरंग दल के दस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना पड़ा। इस बारे में रावत ने कहा कि हरिद्वार में स्लॉटर हाउस खोले जाने के विरोध में अलग-अलग संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वह 3 घंटे तक रामनगर में रुके रहे। उन्होंने लोगों से कहा कि वे अगर कोई ज्ञापन देना चाहते हैं या फिर मिलना चाहते हैं तो उनसे मिले। लेकिन किसी ने भी ऐसा नहीं किया। वहीं भाजपा प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि पार्टी का दृष्टिकोण और नजरिया स्पष्ट है। पार्टी अपनी विचारधारा पर काम कर रही और आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हिंदूवादी संगठन भारतीय जनता पार्टी के नजदीक भी हैं और पार्टी से अपेक्षा भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदूवादी संगठन के लोगों ने रामनगर में प्रदर्शन किया और मंत्री के काफिले को रोकने का काम किया। इसके अलावा और भी आपत्तिजनक बातें हुईं. इसीलिए इसमें पुलिस प्रशासन का दखल हुआ। वहीं स्लॉटर हाउस और शराब फैक्ट्री जैसे मुद्दों पर अपने घर में ही घिरी भाजपा ने सोयी पड़ी कांग्रेस को भी एक्टिव कर दिया. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपनी दिशा भटक गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी रतूड़ी ने साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी की यह संस्कृति बन गई है कि अपने गिरेबान में झांकने के बजाए वे उसे कांग्रेस की तरफ डायवर्ट कर देना चाहते हैं।
बहरहाल जन भावनाओं से जुडे इन मुद्दों पर सोशल साइट से लेकर सड़कों तक शोर है। ऐसे में भाजपा को जितना जल्दी हो अपना स्टैंड क्लियर कर लेना चाहिए। भाजपा ने अगर ऐसा नहीं किया तो चिंगारी को आग बनते भी देर कहां लगती है।