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देहरादून, । प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय देहरादून राजीव भवन में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज 17वें दिन उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल से रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता के समाचार मिल रहे हैं जो बहुत ही उत्साहजनक समाचार है इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए सभी इंजीनियर, मजदूर, विशेषज्ञों एवं केन्द्र और राज्य की राहत और बचाव में लगी हुई एजेंसियों और प्रशासन के अधिकारियों सहित सभी का सहयोग अतुलनिय एवं सराहनीय रहा, सभी का हृदय से आभार है एवं सभी मजदूरों एवं उनके परिजनों जिस धैर्य का परिचय दिया वह अभूतपूर्व है। सभी मजदूरों को सरकार की ओर से उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। जिस तरह से 17 दिन से उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में 41 मजदूर फंसे हुए थे, शुरू से हम कह रहे थे कि रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों और एनएचआईडीसीएल और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के बीच कोआर्डिनेशन की कमी है जिस कारण इतना लम्बा वक्त रेस्क्यू में लगा। जिन विकल्पों पर 14 दिन बाद सरकार ने काम किया उन पर पहले दिन से काम होना चाहिए था, बहुत विलंब से सही रणनीति पर काम किया गया और सफलता भी मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले से ही कह रही थी कि हिमालय पर जिन लोगों का शोध है अनुभव है उन लोगों से सीखना और सलाह लेनी चाहिए थी। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के पूर्व निदेशक पीसी नवानी और के0एस0 वल्दिया जैसे विशेषज्ञों का इस क्षेत्र में लम्बा अनुभव रहा है अगर उनके अनुभव का लाभ सरकार लेती तो निश्चित तौर पर इस जैसे हादसे हिमालयी क्षेत्र में न होते और निर्माण करने वाली कंपनी की निगरानी अगर नियम के हिसाब से होती तो कंपनी मनमाना निर्माण नही कर सकती थी।
करन माहरा ने कहा कि टनल की डीपीआर भी प्राइवेट कंपनी से बनवाई गयी और डीपीआर का निरीक्षण भी प्राईवेट कम्पनी से करवाया गया और उसके बाद टनल के निर्माण के दौरान कार्य की गुणवत्ता लगाई जा रही सामग्री और मानकों की अगर कार्यदायी संस्था ने गंभीरता से निगरानी और जांच की होती तो इस घटना से बचा जा सकता था। घटना के 17 दिन बाद भी किसी की जिम्मेदारी इस घटना के लिए तय न होना आर्श्चय पैदा करता है कि अभी तक तो एफआईआर दर्ज होकर गिरफ्तारियां हो जानी चाहिए थी अभी तक कार्यवाही का न होना हमें सोचने पर मजबूर कर रहा है कि कहीं न कहीं द वायर और अभिसार शर्मा की रिपोर्टिंग में जो कुछ कहा गया और खुलासा किया गया है कि निर्माण करने वाली नवयुग इंजीनियरिंग प्राईवेट लिमिटेड के शेयर देश के जाने माने बडे उद्योगपति पहले ही खरीद चुके हैं और उन्हीं के रसूख के चलते अभी तक कोई कार्यवाही देखने को नही मिली है। कहीं यह सच तो नहीं है। सच चाहे जो भी हो देर सवेर जनता के सामने आ ही जाएगा। क्योंकि हमें उम्मीद है जनता के दबाव में मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी।