आध्यात्मिक ज्ञान सम्पदा का सर्वोच्च शिखर है भारत: डॉ. पण्ड्या | Jokhim Samachar Network

Sunday, May 19, 2024

Select your Top Menu from wp menus

आध्यात्मिक ज्ञान सम्पदा का सर्वोच्च शिखर है भारत: डॉ. पण्ड्या

हरिद्वार देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित योग महोत्सव में मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री ने कहा कि योग का अर्थ है अनुशासन। अपने जीवन में अनुशासन को लाना ही योग है। उन्होंने कहा कि चित्त की बाह्यमुखी और अंतर्मुखी ये दो वृत्तियां होती हैं। इन दोनों पर नियंत्रण करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि एकाग्रता अत्यंत आवश्यक है, जब हम एकाग्र होते हैं, तभी परम सुख की अनुभूति होती है।
देव संस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि हमारा मूल भाव बाहरी शरीर में नहीं, इसके अंदर प्रवाहित हो रही भाव चेतना, प्राण चेतना में है। उस प्राण को पोषण देने का कार्य योग करता है। कहा कि जिसने अपने अंदर के कर्म शुद्ध कर लिया और मन को शांत कर लिया, वही बाहर की परिस्थितियों को सही करने की भी क्षमता रखता है। योग मात्र बीमारियां ठीक नहीं करता, बल्कि परम शांति भी प्रदान करता है। इसलिए भारत को आध्यात्मिक ज्ञान संपदा का सर्वोच्च शिखर कहते हैं। इससे पहले डॉ. चिन्मय पण्ड्या और प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री ने दीप जलाकर इसका शुभारंभ किया गया।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *