देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि पूर्व सैनिक अपने अनुभवों तथा ज्ञान का उपयोग राष्ट्रनिर्माण तथा समाज की भलाई में लगाये।कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन, ईमानदारी जैसे गुण हमेशा सैनिकों के साथ रहते हैं। दूसरी तरफ, राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी शिष्टाचार भेंट की।
सोमवार को दिल्ली में कॉन्सट्यूशनल क्लब में राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक विशिष्ट संगठन है। सैनिक व सेना के लिये जय हिन्द और तिरंगा सर्वोपरि है। जय हिन्द देश को एक सूत्र में जोड़ता है। कहा कि पूर्व सैनिक सभी प्राकृतिक नेतृत्वकर्ता होते हैं। वो अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए सभी देशवासियों को राष्ट्र निर्माण और जनहित के कार्यों से जोड़ें। राज्यपाल ने कहा कि तपोभूमि, सैन्य धाम उत्तराखण्ड का राज्यपाल बनना मेरे लिये गर्व का विषय है। उत्तराखण्ड देश की रक्षा सेवा में 18 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा है। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति सेना में हैं। यहां गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे चार पवित्र धाम, सिक्ख गुरूओं के पवित्र स्थल है। यह गुरु गोबिन्द सिंह की तपभूमि भी है जो एक सैनिक, सन्त तथा विद्वान थे। उत्तराखंड में रिवर्स माईग्रेशन के लिए कार्य किया जाना चाहिए। इस अवसर पर मेजर जनरल(रि0) पीके सहगल, मेजर जनरल(रि) डा. विपिन बक्शी, विंग कमांडर(रि) प्रफुल्ल बक्शी, कर्नल टीपी त्यागी, मेजर सुशील गोयल, एचएच आचार्य, डॉ. लोकेश मुनि, राजेन्द्र बगासी आदि मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय समर स्मारक शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। पवित्र गुरूद्वारा बंगला साहिब में मत्था टेक कर प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।