पौड़ी। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर सरकार द्वारा नामित अफसर की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की गुहार लगाई है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सीएस शत्रुघन सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली का मसला प्रदेश सरकारों के हवाले कर दिया है। प्रदेश की नौकरशाही भी यह स्वीकार कर चुकी है यह मसला राज्य सरकार का ही है। मोर्चे ने डा. धन सिंह रावत से वार्ता कर अब तक हुई प्रगति को लेकर रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर सीएम से मुलाकात करेंगे।
मुलाकात के बाद मोर्चे के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने बताया कि मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र से लेकर प्रदेश स्तर तक की लड़ाई लड़ रहा है। इस बीच विधानसभा घेराव का कार्यक्रम सीएम के आश्वासन पर ही रोका गया। पेंशन जैसे मसले पर सरकार कोई कदम नहीं उठा पा रही है। ऐसे में कार्मिकों को लंबी सेवा के बाद लाभ नहीं मिल पा रहा है। पेंशन से वंचित होने के कारण उन पर निर्भर रहने वाले परिवार का भरण पोषण कैसे होगा यह चिंता सरकार नहीं कर पा रही है। जबकि कार्मिक बरसों सरकार की सेवा में लगे रहते है। लेकिन उन्हें बिना पेंशन के सेवानिवृत्त होना पड़ रहा है।
इस मसले को लेकर मोर्चे ने केंद्र सरकार का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्होंने भी मामला राज्य सरकार के पाले में ही डाल दिया। ऐसे में कार्मिकों की समस्या को हल करने का जिम्मा अब पूरी तरह से प्रदेश सरकार के पास ही रह गया है। मोर्चे पदाधिाकारियों का कहना था कि देश के कई प्रांतों में कार्मिक पेंशन पा रहे हैं लेकिन कुछ प्रदेश सरकारें इस मसले को हल नहीं कर रही है जिसके कारण कार्मिकों में सेवानिवृत्त के बाद रोष है। पेंशन बहाली को लेकर पौड़ी पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की गई और उन्होंने इस मामले में आश्वासन दिया है। ज्ञापन देने वालों में संयोजक जसपाल रावत, मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत, जिला मंत्री भवान सिंह, प्रदीप सजवाण, प्रेम चंद्र ध्यानी आदि शामिल रहे।