मत्री पद की दौड़ में उत्तराखण्ड से अजय भट्टा का पलड़ा भारी | Jokhim Samachar Network

Friday, April 26, 2024

Select your Top Menu from wp menus

मत्री पद की दौड़ में उत्तराखण्ड से अजय भट्टा का पलड़ा भारी

देहरादून। केन्द में फिर नरेन्द्र मोदी के उत्तराखण्ड प्रेम और पार्टी के लगातार बढ़ते जनाधार को देखते हुए ही पिछली मोदी सरकार में उत्तराखण्ड से सांसद अजय टम्टा को मंत्री बनाया गया था। अब सवाल उठता है कि इस बार किसकी लॉटरी लगने वाली है. राजनीतिक पण्डितों और पत्रकारों में दो नेताओं का नाम इस सूची में टॉप चल रहा है। हालांकि एक तीसरे नेता भी मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं। उनमें नैनीताल से अजय भट्ट हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक और तीसरे हैं। राज्यसभा के सांसद अनिल बलूनी.अजय भट्ठ का पलड़ा सबसे भारी दिखाई दे रहा है। इसके कई कारण हैं. पहला तो यह कि अजय भट्ट की जीत पूरे उत्तराखण्ड में सबसे बड़ी हुई है। इसके अलावा अजय भट्ट का कुमाऊं से होना और खासकर ब्राह्मण समाज से होना भी उनके पक्ष में जा रहा है। उत्तराखण्ड की राजनीति में एक पहलू भाजपा और कांग्रेस दोनों में समान दिखाई देता है। राज्य के दो अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व का ध्यान.मौजूदा समय में ठाकुर समाज के त्रिवेन्द्र सिंह रावत गढ़वाल से आते हैं। ऐसे में राज्य के किसी नेता को जब कोई बड़ा पद देने की बात आएगी, तो पार्टी गढ़वाल को बैलेंस करने के लिए उस नेता का चुनाव कुमाऊं से करेगी। अजय भट्ट इस लिहाज से भी फिट बैठते हैं। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पार्टी अध्यक्ष के नाते उनका कार्यकाल अभी तक शानदार रहा है और उन्हीं के नेतृत्व में 2017 में पार्टी ने विधानसभा के चुनाव में सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया था।
रमेश पोखरियाल निशंक का नाम भी इस सूची में शामिल किया जा रहा है। हालांकि वह गढ़वाल क्षेत्र के हरिद्वार से सांसद चुने गये हैं लेकिन, राज्य के सीएम रहने के नाते उनका बड़ा कद उन्हें इस सूची में शामिल कर रहा है। तीसरा सबसे दिलचस्प नाम है राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का. 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही अनिल बलूनी राजनीति में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं। यहां तक की 2017 के चुनाव के बाद और त्रिवेन्द्र रावत के सीएम बनने से पहले अनिल बलूनी का नाम सीएम की दौड़ में शामिल था। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहद खास हैं. इस चुनाव में भाजपा के मीडिया हेड होने के नाते बलूनी ने बेहतरीन ढ़ंग से पार्टी के लिए मीडिया को मैनेज किया. इसका इनाम उन्हें मिल सकता है. चर्चा है कि उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है। इन सभी नामों में अल्मोड़ा से दोबारा चुने गये सांसद अजय टम्टा का नाम सबसे नीचे है। कारण यह है कि मोदी सरकार में मंत्री रहने के बावजूद वह राज्य पर तो छोड़िए अपने इलाके में भी कोई छाप नहीं छोड़ सके। मोदी लहर में भले ही वह जीत गए लेकिन, उनके संसदीय क्षेत्र में उनके प्रति लोगों में नाराजगी भी थी. ऐसे में उन्हें मंत्री बनने का दोबारा मौका मिलेगा, इसकी संभावना कम ही है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *