मलबे के ढेर में अपनों की तलाश जारी, लापता लोगों की संख्या हुई बीस | Jokhim Samachar Network

Wednesday, October 04, 2023

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मलबे के ढेर में अपनों की तलाश जारी, लापता लोगों की संख्या हुई बीस

रुद्रप्रयाग,। गौरीकुंड में हुए हादसे के तीसरे दिन भी परिजन मलबे के ढेर में अपनों की तलाश कर रहे हैं। यहां अभी भी 20 लोग लापता हैं। अब शायद किसी के जिंदा बचने की उम्मीद नही है। तबाही का यह मंजर देख हर किसी का कलेजा कांप उठा। बताया जा रहा है कि आगरा निवासी बबलू गौरीकुंड में दुकान का संचालन कर रहा था। दुकान में उसका भाई व साला भी था। वह घटना के दौरान खाना खाने गया हुआ था। लगभग साढ़े 11.30 बजे टिन के बजने जैसी तेज आवाज के साथ पहाड़ी गिरी और सबकुछ खत्म हो गया। दुकान का नामोनिशान नहीं था।
सिर्फ सिमेंट का टूटा पिलर लटका हुआ था। लेकिन भाई और साला नहीं मिले। भाई के मोबाइल पर संपर्क किया तो घंटी बजती रही। कॉल रिसीव नहीं हुई। यहां तक कि घटना के लगभग एक घंटे बाद भी मोबाइल पर घंटी जाती रही। बबलू शनिवार को दिनभर अपने भाई और साले की खोज के लिए मलबे को निहारता रहा।रुद्रप्रयाग जनपद के जलई, बष्टी, उत्यासू और तिलवाड़ा के लापता हुए आशु, रणवीर, रोहित और प्रियांशु की खोजबीन के लिए उनके परिजन मौके पर पहुंचे हुए हैं। नम आंखों और उदास चेहरों के साथ परिजन मलबे के ढेर में रेस्क्यू के दौरान होती एक-एक हलचल को देख रहे हैं। दुख में उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे हैं। दूसरी तरफ लापता युवकों के घरों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
हादसे के बाद से गौरीकुंड के लोग दशहत में हैं। स्थानीय निवासी महेशानंद गोस्वामी बताते हैं जो मंजर उन्होंने देखा, वह बार-बार आंखों में घूम रहा है। यकीन नहीं हो रहा है कि सड़क से 50 मीटर ऊपरी से टूटी पहाड़ी के हिस्से से इतना बड़ा नुकसान हो सकता है। अब, उस तरफ जाने में भी डर लग रहा है। वहीं, गौरीशंकर गोस्वामी बताते हैं, केदारनाथ आपदा के बाद से गौरीकुंड की सुरक्षा, संरक्षण को लेकर कोई योजना बन ही नहीं पाई।

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