आदि शंकराचार्य गुफा में योग साधना कर सकते हैं मोदी | Jokhim Samachar Network

Wednesday, December 11, 2024

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आदि शंकराचार्य गुफा में योग साधना कर सकते हैं मोदी

रूद्रप्रयाग/देहरादून। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी अपने दौरे के दौरान केदारनाथ धाम में आदिगुरू शंकराचार्य समाधि (प्राचीन गुफा) वाले स्थान पर ध्यान-साधना कर सकते हैं। बता दें कि ये स्थान पीएम मोदी ने अपनी देख-रेख में बनवाया है, उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में ये स्थान भी शामिल है। आदि शंकराचार्य गुफा में योग साधना कर सकते है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में आई आपदा में आदि शंकराचार्य की समाधि को भी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद समाधि स्थल की मरम्मत होना शुरू हुई थी। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे तो उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि को दिव्य एवं भव्य रूप देने का एलान किया था। बता दें कि यहां एक साथ एक हजार श्रद्धालु आदि शंकराचार्य की समाधि के दर्शन कर सकते हैं। केदारनाथ मंदिर से करीब 400 मीटर पीछे मंदाकिनी नदी को पार कर चोराबाड़ी ताल के ठीक नीचे वाले क्षेत्र में एक गुफा का निर्माण किया गया है। साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से पहाड़ी शैली में इसे तैयार किया गया है। गुफा में बिजली, पानी, शौचालय आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, साधु, संत या अन्य यात्री यहां ठहरते हैं। गुफा में रहने वाले यात्री का किराया 990 रुपए है। इस गुफा में यात्री योग साधना के साथ-साथ विश्राम भी कर सकते हैं। गौर हो कि अध्यात्मिक संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी केदारनाथ धाम में स्थित आदिगुरू शंकराचार्य समाधि की इस प्राचीन गुफा में ध्यान साधना कर चुके हैं। यही कारण है कि उनको इस स्थान से बेहद लगाव है। साल 2013 केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी के दौरान मंदिर परिसर के अलावा आदिगुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना कार्य के चलते वर्तमान में शंकराचार्य के समाधि स्थल को भी भव्य रूप में संवारा गया है। दरअसल, पिछले साल धाम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी से 2 किलोमीटर पहले गुफा की तर्ज पर केदारनाथ गुफा बनाने को कहा गया था जो अब तैयार हो गयी है। इस गुफा की लम्बाई 5 मीटर जबकि चैड़ाई 3 मीटर है. केदारनाथ में योग साधना के लिए गुफा तैयार होने के बाद अब उसकी ऑनलाइन बुकिंग की भी सुविधा है। बता दें कि साल 1998 से लेकर 2001 तक उत्तराखंड (यूपी से विभाजन से पहले) के भाजपा संगठन प्रभारी होने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आस्था के मुताबिक केदारनाथ धाम में दर्शन करने के साथ ही लगातार विश्वविख्यात अध्यात्मिक आदिगुरू शंकराचार्य के समाधि स्थान पर जाकर अपनी साधना में लीन होते थे। साल 2001 के बाद ही पीएम मोदी पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में व्यस्त होने के बाद गुजरात के लगातार चार बार मुख्यमंत्री बने रहे और फिर उसके बाद वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने।

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