
विकासनगर। वन आरक्षी केंद्र रामपुर मंडी में उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) की ओर से पारिस्थितिकी सेवाओं का महत्व एवं आकलन विषय पर बुधवार को दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की गई। कार्यशाला में प्रशिक्षु वन आरक्षियों समेत अन्य वन कर्मियों को स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी मुहैया कराई जा रही है।
कार्यशाला की शुरुआत करते हुए यूसर्क की वैज्ञानिक डा. मंजू सुंदरियाल ने बताया कि प्रकृति की ओर से प्रदत्त पारिस्थितिकी सेवाओं का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन इन सेवाओं के महत्व की अनदेखी की जाती रही है। लिहाजा प्रकृति की इन महत्वपूर्ण सेवाओं की पहचान कर ही उनके वास्तविक मूल्य को आंका जा सकता है। यूसर्क की निदेशक डा. अनीता रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा बाल्यकाल से ही दी जानी चाहिए। उन्होंने वन कर्मियों को स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी मुहैया कराई। इस दौरान डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी, प्रो. गुलशन ढींगरा, डा. गजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।