भागवत कथा के श्रवण से दूर होते हैं दुख और दरिद्रता, मिलते हैं पुण्यफल | Jokhim Samachar Network

Monday, January 20, 2025

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भागवत कथा के श्रवण से दूर होते हैं दुख और दरिद्रता, मिलते हैं पुण्यफल

देहरादून। श्रीमद् भागवत कथा को सुनने मात्र से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हर दोष नष्ट होता है, उसकी नकारात्मकता जाती रहती है और हर प्रकार से वह सकारात्मक हो जाता है। उसे स्वास्थ्य, समृद्धि मिलती है तथा भाग्य में वृद्धि होती है। इसे सुनने के क्रम में आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति करते हुए आप सांसारिक दुखों से निकल पाते हैं। कथा व्यास भी कहते हैं कि भागवत कथा मोक्ष के द्वार खोलती है। कथा श्रवण से दुख एवं दरिद्रता दूर होकर सुख और शांति प्रदान करती है।

इसी कड़ी में राजधानी देहरादून के प्रेमनगर केहरी गांव में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ शुरू हो चुका है। यह धार्मिक आयोजन 16 फरवरी के दिन भंडारे के साथ संपन्न होगा। भागवत कथा के अन्तर्गत कथा व्यास आचार्य सुरेश डबराल द्वारा भागवत कथा के महात्मय की कथा सुनाते हुए कहा भागवत सभी  पापों से मुक्त कर भगवत प्राप्ति कराने वाला पुराण  है। कथा के माध्यम से व्यास जी ने बताया  किस प्रकार धुन्धकारी जैसा महापापी मरणोपरांत भी कथा सुनकर तर गया। व्यास जी ने कथा  का साप्ताहिक विधि का भी वर्णन किया।

कथा में व्यास जी ने भक्तों को बताया भागवत कथा समस्त वेदों उपनिषदों का सार है। भगवान के  24 अवतारों की कथा सुनाई और बताया कि किस प्रकार शुकदेव जी को व्यास जी के  द्वारा  भागवत कथा का ज्ञान प्राप्त हुआ। परीक्षित जन्म एवं  ब्राह्मण पुत्र  द्वारा राजा  परीक्षित को श्राप। व्यास जी ने बताया किस प्रकार राजा परीक्षित जैसे धर्मात्मा राजा को गलती से ब्राह्मण का अपमान  करने से श्राप को भुगतना पड़ा सोचो जो लोग जानबूझकर ब्राह्मण एवं सन्तो का अपमान  करते हैं  उनकी  क्या  गति होगी।

कलिकाल में भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भागवत कथा सुनने वालों को पुण्यफलों की प्राप्ति होती है। कथा में व्यास जी ने कहा कि कलियुग में मनुष्य को अगर कोई दुख, दरिद्र और कष्टों से दूर कर सकता है तो वह भागवत कथा का श्रवण ही है। कथा से मनुष्य को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। कथा सुनने के लिए सैकड़ों लोग मौजूद थे। भागवत कथा का आयोजन वन्दना सक्सेना पेशगार एसडीएम डोईवाला द्वारा अपने निवास स्थान पर  कराया  जा रहा है। कथा में ब्राह्मण आचार्य प्रवीण नौटियाल मोहन उनियाल विकास  भट्ट आदि उपस्थित थे ।

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