गंगोत्री धाम की राह में हैं दुश्वारियों के पड़ाव | Jokhim Samachar Network

Friday, December 06, 2024

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गंगोत्री धाम की राह में हैं दुश्वारियों के पड़ाव

देहरादून। गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को खोल दिए जाएंगे। इसी के साथ चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाएगी। बावजूद इसके यात्रा तैयारियां अब भी मुंह चिढ़ा रही हैं। हालात बता रहे कि गंगोत्री धाम की यात्रा के दौरान यात्रियों को सड़क से लेकर घाट तक तमाम दुश्वारियों से दो-चार होना पड़ेगा। ऑलवेदर रोड निर्माण के कारण ऋषिकेश से लेकर उत्तरकाशी तक गंगोत्री हाइवे पर न सिर्फ धूल के गुबार उठ रहे हैं, बल्कि और जगह-जगह गड्ढे भी बने हुए हैं। इसके अलावा न तो गंगोत्री धाम में घाटों का निर्माण हो पाया है और न स्वास्थ्य, संचार व जाम की समस्या से निपटने को कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हालांकि, प्रशासन सात मई को धाम के कपाट खुलने से पूर्व व्यवस्थाएं चाक-चैबंद होने के दावे कर रहा है।
गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) नदी के एक किमी लंबे तट पर रोजाना हजारों लोग डुबकी लगाते हैं। इस लिहाज से हर यात्रा सीजन के दौरान गंगोत्री में घाटों के निर्माण के साथ सुरक्षा इंतजाम भी किए जाते हैं। लेकिन, इस बार गंगोत्री में न तो घाट बने हैं और न सुरक्षा के इंतजाम ही किए गए हैं। जो कार्य हो भी रहा है, वह महज खानापूर्ति के लिए है। जबकि, बीते तीन वर्षों में स्नान के दौरान गंगोत्री धाम में आठ यात्री बह चुके हैं। जाहिर है कि बिना सुरक्षा इंतजाम के भागीरथी में स्नान करना खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन के अनुसार इस बार घाट निर्माण के लिए आचार संहिता लगी होने के कारण बजट नहीं आ सका। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल बताते हैं कि गंगोत्री में घाटों पर एसडीआरएफ व सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रहेगी। साथ ही यात्रियों को भी खतरों से सावधान किया जाएगा। ऋषिकेश से लेकर उत्तरकाशी तक गंगोत्री हाइवे पर जगह-जगह ऑलवेदर रोड का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। हाइवे पर जहां-जहां चैड़ीकरण आदि के कार्य हुए हैं, वहां अभी सड़क पक्की नहीं हो पाई। ऐसे में मौसम साफ रहा तो इस मार्ग पर धूल और गड्ढों की परेशानी से यात्रियों को जूझना पड़ेगा। जबकि, बारिश होने पर कीचड़ व दलदल मुश्किल में डालेगा। देश के कोने-कोने में अधिकांश मोबाइल कंपनियों का इंटरनेट 4जी की स्पीड से दौड़ रहा है। मोबाइल पर ऑनलाइन बातचीत और फेसबुक पर लाइव वीडियो की भरमार है। लेकिन, विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री में संचार सेवा की स्थिति बदहाल है। स्थिति यह है कि वर्षभर गुलजार रहने वाली हर्षिल घाटी में बीते दो माह से संचार सेवा ठप पड़ी हुई है। हर्षिल निवासी माधवेंद्र रावत व बगोरी के प्रधान भवान ङ्क्षसह ने बताया कि हर्षिल घाटी के ग्रामीणों व हर्षिल आने वाले पर्यटकों को फोन करने के लिए 50 किमी दूर भटवाड़ी जाना पड़ रहा है। चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव उत्तरकाशी शहर में इस बार जाम की समस्या से पार पाना प्रशासन के लिए चुनौती होगा। उत्तरकाशी शहर के पास से ही केदारनाथ मार्ग को जोडने वाले जोशियाड़ा मोटर पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। इस लिहाज से अब बड़े वाहनों की आवाजाही बड़ेथी और तेखला से होगी। ऐसे में ज्ञानसू और भटवाड़ी रोड पर जाम का झाम लगना तय है। दूसरी परेशानी शहर में पार्किंग को लेकर है। प्रशासन के पास अस्थायी तौर पर पार्किंग के लिए केवल रामलीला मैदान उपलब्ध है, जो यात्रा बढने पर नाकाफी साबित होगा। इस पार्किंग में सबसे अधिक परेशानी केदारनाथ जाने वाली बड़ी बसों के यात्रियों को झेलनी पड़ेगी। इसके अलावा प्रशासन और पुलिस ने अभी ट्रैफिक प्लान भी नहीं बनाया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि ट्रैफिक प्लान के संबंध में पुलिस को पत्र भेजा गया है। ट्रैफिक प्लान आने के बाद इसे जारी किया जाएगा। इस यात्रा सीजन में नालूपानी डेंजर जोन मुश्किलें पैदा करेगा। बरसात शुरू होते ही यहां भूस्खलन शुरू हो जाएगा। इस भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट भले ही ऑलवेदर के तहत किया जा रहा हो, लेकिन अवैज्ञानिक तरीके से ट्रीटमेंट होने के कारण वह टिक नहीं पा रहा। गंगोत्री यात्रा मार्ग पर शौचालय अभी पर्याप्त संख्या में नहीं बने हैं। इसके अलावा जो शौचालय हैं भी, उनमें पानी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में यात्रियों की आमद बढने पर इन शौचालयों में गंदगी बढ़ जाती है और यात्री इनका उपयोग करना बंद कर देते हैं। धरासू से लेकर गंगोत्री तक अधिकांश शौचालयों का कमोबेश यही हाल है।

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