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मौन पालन एवं शहद उत्पादन उत्तराखण्ड के किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है: राज्यपाल | Jokhim Samachar Network

Tuesday, September 17, 2024

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मौन पालन एवं शहद उत्पादन उत्तराखण्ड के किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है: राज्यपाल

देहरादून राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मौन पालन एवं शहद उत्पादन के क्षेत्र तकनीकी सहयोग एवं कृषकों के ज्ञानवर्धन हेतु गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर और स्लोवेनिया के एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित होने पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि मौन पालन एवं शहद उत्पादन उत्तराखण्ड के किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है, और इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से राज्य के कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह समझौता विश्वविद्यालय को मौन पालन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी संस्थान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इस समझौते के अनुरूप पंतनगर विश्वविद्यालय में एक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने के साथ ही मौन पालन पर संयुक्त रूप से शोध कार्य करने, वैज्ञानिकों, छात्रों एवं अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण एवं शोध कार्य करने हेतु आपसी आदान-प्रदान संयुक्त रूप से सेमीनार एवं कार्यशालाएं आयोजित करना आदि प्रस्तावित है। इन प्रयासों से न केवल कृषि आधारित उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि राज्य के किसानों और उद्यमियों को भी आधुनिक तकनीकी जानकारी और सुविधाएं प्राप्त होंगी। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच शोध और तकनीकी आदान-प्रदान को और सुदृढ़ करेगा, जिससे उत्तराखण्ड में मौन पालन उद्योग को नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी उल्लेखनीय है कि पूर्व में राज्यपाल ने पंतनगर विश्वविद्यालय को मौन पालन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी सहयोग बढ़ाने हेतु निर्देशित किया था। इस दिशा में तेजी से कार्य करते हुए, विश्वविद्यालय ने एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्लोवेनिया के साथ इस समझौते को संपन्न करने हेतु विश्वविद्यालय स्तर से शोध निदेशक डॉ. अजीत सिंह नैन एवं कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद मल की 2 सदस्यीय टीम द्वारा दिनांक 26 से 29 अगस्त 2024 तक स्लोवेनिया भ्रमण कर वहां के वैज्ञानिकों से मौन पालन के क्षेत्र में विविध संभावनाओं हेतु विचार-विमर्श करने के साथ ही एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट ऑफ स्लोवेनिया के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

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