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Saturday, December 07, 2024

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टिकट के लिए अजय टम्टा को करना पड़ रहा कड़ी चुनौती का सामना

देहरादून। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से वर्तमान भाजपा सांसद अजय टम्टा भले ही केन्द्र में मंत्री हों लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट की उनकी दावेदारी को कड़ी चुनौती मिल रही है। उत्तराखंड की दो संसदीय सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार बदलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं और वह सीटें हैं नैनीताल और पौड़ी. कहा जा रहा है कि दोनों पर मौजूदा सांसद भगत सिंह कोश्यारी और मेजर जनरल (रिटायर्ड) भुवन चंद्र खंडूड़ी स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते, हालांकि इस बारे में आधिकारिक रूप से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. इसके विपरीत युवा और सक्रिय अजय टम्टा की संसदीय सीट अल्मोड़ा में पार्टी के कई कद्दावर नेता सरेआम खुद को मौजूदा सांसद से बेहतर दावेदार बता रहे हैं।
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने भले ही सूबे की पांचों सीटों पर परचम लहराया हो लेकिन मोदी के चहेते बने अल्मोड़ा लोकसभा के सांसद अजय टम्टा. टम्टा ने भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चन्द्र खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे दिग्गज सांसदों को पछाड़ते हुए केन्द्र में मंत्री पद पाया. लेकिन लगता है वक्त के साथ काफी कुछ बदल गया है। आज हालत यह है कि कई भाजपा नेता खुलआम अजय के मुकाबले खुद को टिकट का दावेदार बता रहे हैं।
त्रिवेंद्र सरकार में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास राज्य मंत्र रेखा आर्य लम्बे समय से टिकट की जुगत में लगी हैं। केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा ने उनका छत्तीस का आंकड़ा भी जगजाहिर है। रेखा आर्य अब खुलकर अल्मोड़ा से दावेदारी जता रही हैं। वह कहती हैं कि वह अपनी भावना राज्य नेतृत्व के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष भी व्यक्त कर चुकी हैं।
रेखा आर्य ही नहीं तीन बार के विधायक चंदन रामदास ने भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से दावेदारी ठोक दी है। रेखा की राह पर चलते हुए चंदन भले ही अजय टम्टा की राह में रोड़ा अटकाने की मुहिम में जुटें हों। लेकिन प्रदेश नेतृत्व किसी भी नए को मौका देने के मूड में नहीं लग रहा है।
2009 में रिजर्व होने के बाद अल्मोड़ा लोकसभा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहा है। तब से भाजपा ने अजय टम्टा पर ही विश्वास जताया है लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बड़े नेताओं की खुली दावेदारी को नकारते हुए क्या पार्टी नेतृत्व पुरानी परिपाटी पर ही चलता है या फिर कुछ नया करता है।

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