रुद्रपुर। खटीमा के झनकट में बैंक लूटकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने लूट की वारदात को अंजाम देने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक युवक फरार है। लुटेरों के पास से लूट की गई नगदी भी बरामद हुई है। बता दें बीती 6 अप्रैल को खटीमा बैंक में कुछ अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम देते हुए लाखों रूपए लूट लिए थे। इस मामले में बैंक प्रबंधक कुसुमलता ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदम दर्ज कराय था। घटना के खुलासे को लेकर 10 टीमों का गठन किया गया जिसने 100 किमी के दायरे में लगे 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिमें पुलिस को कई अहम सुरग मिले। सुरग मिलने के बद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया। पुलिस ने लूट की घटन में शामिल नरेंद्र कुमार व पशुपतिनाथ को बीती 24 अप्रैल को कमान नदी के पुल ग्राम गांगों से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि पशुपति नाथ धारा 420 आईपीसी के मामले में जिला कारागार झुनझुनू राजस्थान में बन्द था। वहीं पर ललित मानवेन्द्र सिंह भी एक बैंक लूट के मामले में बन्द था। इन दोनों की वही पर मुलाकात और दोस्ती हुई। जेल से बाहर आने के बाद दोनों सम्पर्क में थे। इसी दौरान उन्होंने खटीमा में बैंक लूट की योजना बनायी। घटना से पूर्व पशुपतिनाथ ने ही नरेन्द्र कुमार वलित को स्थानीय रास्ते व क्षेत्र के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद उन्होंने बाइक से लूट की वारदात को अंजाम दिया। इनका एक साथी ललित मानवेन्द्र सिंह पुत्र मुन्शी सिंह शेखावत निवासी बार्ड 204 खोड जिला राजस्थान फरार है जिकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। एसएसपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद लुटेरों ने लूट में प्रयुक्त बाइक की नंबर प्लेट से भी छेड़छाड़ की। गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से 1,70,000 रूपए बरामद हुए हैं। वहीं लूट के पैसों में से 50,000 नरेन्द्र कुमार और 20000 रूपए पशुपति नाथ ने खर्च कर दिए। शेष पैसे लंलित मानवेन्द्र सिंह के पास होना बताया है। अभियुक्तगणों के पास से 02 समर्थ 12 बोर व 02 कारतूस बरामद हुए है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की है। पूरे मामले में पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। एसएसपी टीसी नाथ मंजू ने बताया कि अभियुक्तगण बरेली के होटल में रूकते थे और यहीं से अभियुक्त पशुपति नाथ की मोटरसाइकिल से रेकी करते थे। मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट में मिट्टी लगाकर नंबर छिपाया था। यह लोग अपना मोबाईल बरेली में ही बन्द कर देते थे। बरेली से नरेन्द्र व ललित मोटरसाइकिल में आते थे और पशुपतिनाथ बस से आता था। अभियुक्तगणों ने 5 अप्रैल को भी घटना करने की योजना बनायी थी परन्तु बैंक में भीड़ होने के कारण वह घटना को अंजाम नहीं दे पाए। लूटकांड का खुलासा करने वाली टीम को 25000 व एसएसपी ने 20000 का ईनाम देने की घोषणा की है।
खुलासा करने वाली टीम में खटीमा कोतवाल नरेश चौहान, एसआई देवेन्द्र गौरव, एसआई ललित मोहन रावल, धीरज वर्मा, संदीप पिलखाल, पंकज महर, कैलाश देव, विजय कुमार, नासिर, शहनवाज, हरेन्द्र थापा, ललित मोहन नेगी, नवीन रजवार, चन्द्र सिंह, तपेन्द्र जोशी, वीम गिरी, नवीन खोलिया, झनकईया थानाध्यक्ष दिनेश फर्त्याल, नानकमत्ता थानाध्यक्ष केसी आर्या, जावेद मलिक, विजेन्द्र कुमार, योगेन्द्र, नवनीत कुमार, एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट, भूपेन्द्र आर्या, ललित कुमार, पंकज बिनवाल, प्रभात चौधरी, महेन्द्र डंगवाल, कुलदीप, गणेश पाण्डेय, एडीटीएफ प्रभारी कमाल हसन, पुलभट्टा थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी आदि शामिल रहे।