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Monday, February 17, 2025

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आने वाला समय एआई, मेटावर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग का: राज्यपाल

राज्यपाल ने किया राजभवन की डिजिटल पहल राज्यपाल के एआई चैटबॉट ‘‘स्पीच टू टेक्स्ट और टेक्स्ट टू स्पीच’’ को लॉन्च
देहरादून। सोमवार को राजभवन में वीर माधो सिंह भण्डारी तकनीकी विश्वविद्यालय के तत्वावधान और यूपीईएस, देहरादून व क्वांटम विश्वविद्यालय, रुड़की के सहयोग से ‘‘एआई, मेटावर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग के साथ कल का निर्माण’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों द्वारा इन विषयों पर अपने प्रस्तुतीकरण दिए गए।
कार्यशाला में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने राजभवन की डिजिटल पहल राज्यपाल के एआई चैटबॉट ‘‘स्पीच टू टेक्स्ट और टेक्स्ट टू स्पीच’’ को लॉन्च किया। तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए इस चैटबॉट में राज्यपाल के भाषण की वीडियो को टेक्स्ट और टेक्स्ट को वीडियो रूप में परिवर्तित किया जा सकेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आने वाला समय एआई, मेटावर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग का है। आज पूरा विश्व तेजी से बदल रहा है जिसमें इन तीनों तकनीकों की बड़ी भूमिका रहेगी और इनसे कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहेगा। इन तकनीकों को न अपनाने वाले देश विकास की दौड़ में बहुत पीछे रह जाएंगे। उन्होंने कहा की बदलते विश्व के केंद्र में एआई है, यह ऐसी ताकत है जो उद्योगों, समाज और हमारे अस्तित्व के मूल ढ़ांचे को नया आकार दे रही है। हमें विकास और समृद्धि के लिए एआई का उपयोग करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि तकनीकों का सावधानीपूर्वक और सतर्क उपयोग हमारे जीवन में चल रहे परिवर्तनों को आगे बढ़ा सकता है। राज्यपाल ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि एआई, मेटावर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग का भविष्य आप सभी के हाथों में है। आप सभी कल की एआई संचालित दुनिया के निर्माता हैं। विद्यार्थियों की रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल इस भविष्य को आकार देने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि भारत अपनी युवा और तकनीक-प्रेमी आबादी के साथ एआई में वैश्विक नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हमें डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने एआई चैटबॉट तैयार करने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज, द्वाराहाट अल्मोड़ा के प्रो. विशाल कुमार और छात्र मयंक बिष्ट, दीपक सिंह व शुभम को प्रशंसा पत्र भी दिए।

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