ऋषिकेश। कोरोना के खतरे को देखते हुए तीर्थनगरी ऋषिकेश में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व सादगी से मनाया गया। त्रिवेणीघाट पर दशकों बाद रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले फूंकने की बजाय गंगा में विसर्जित कर रस्म अदायगी की गई। शुक्रवार को सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ऋषिकेश ने त्रिवेणीघाट पर संक्षिप्त रूप से दशहरा मनाया। त्रिवेणीघाट स्थित गंगा आरती स्थल पर 12 फीट लंबे रावण, 5 फीट के मेघनाद और 5 फीट के कुंभकरण के पुतलों को सजाया गया। आयोजक और अन्य श्रद्धालुओं ने पुतलों के सामने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद रावण, मेघनाद और भाई कुंभकर्ण के पुतले को गंगा में प्रवाहित कर दिया। सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ऋषिकेश के सदस्य राहुल शर्मा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व संक्षिप्त रूप से मनाया गया है। मौके पर महंत विनय सारस्वत, ललित सक्सेना, राकेश शर्मा, योगेश शर्मा, विश्वास जोशी, मनोज गुप्ता, हीरालाल शर्मा, विजय सिंघल, पंकज जायसवाल, राजू गुप्ता, दिनेश उपाध्याय, दीपक भटनागर, योगेश शर्मा, संजय शर्मा, कमल ढींगरा, केशव पोखरियाल, सोमू, गिरीश जोशी आदि उपस्थित थे।