देहरादून। देवभूमि की जनभावनाओं के अनुरूप स्केप चैनल को गंगा धारा नाम देने के लिए आज शहरी विकास मंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ मंथन किया।
शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश के शहरी विकास, आवास, राजीव गाँधी शहरी आवास, जनगणना पुनर्गठन एवं निर्वाचन मंत्री मदन कौशिक ने हरिद्वार गंगा नदी स्थित स्केप चैनल को अधिकारियों की बैठक बुलायी। बैठक में अधिकारियों ने उक्त स्थल पर गंगा की अविरलधारा की पुष्टि करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में अभिलेखीय साक्ष्य मौजूद हंै। 1940 में प्रकाशित कोटले की पुस्तक में उक्त स्थल पर अविरल गंगा की धारा का वर्णन है तथा 1916 में गंगासभा के साथ पंडित मदन मोहन मालवीय के समझौते में भी इसका वर्णन है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि गंगा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था एवं जनसुविधा के महत्व को देखते हुए आगामी कार्यवाही की जायेगी। विचारकृविमर्श के बाद नगर विकास मंत्री ने कहा कि उक्त स्थल पर सदैव से गंगा की अविरलधारा बहती रहेगी। उन्होंने कहा कि कानूनी समस्या का समाधान करने के लिए जरूरत के अनुसार अधिनियम में संशोधन किया जायेगा अथवा अध्यादेश लाया जायेगा अथवा उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जायेगी। इस सम्बन्ध में ऐतिहासिक साक्ष्य और कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जायेगा। इस प्रक्रिया के साथ ही शीघ्र ही स्कैप चैनल को बदलते हुए गंगा, अविरल धारा बहने की भी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। शहरी विकास मंत्री का कहना था कि स्केप चैनल का आदेश जनभावनाओं को देखते हुए हर हाल में खारिज होगा और इसे गंगा धारा नाम दिया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव सिंचाई, सचिव आवास नितेश झा, सचिव विधायी एवं संसदीय कार्य प्रेम सिंह खिमाल, सचिव हरिद्वार विकास प्राधिकरण हरवीर सिंह एवं टाउन प्लानर के अधिकारी मौजूद थे।