रुड़की। जिला विधि सेवा प्राधिकरण एवं निर्बल निर्धन विधिक सहायता समिति ने लादपुर गांव में नशामुक्ति अभियान पर गोष्ठी आयोजित की। गोष्ठी में वक्ताओं ने लोगों को नशे की लत से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। साथ ही उनसे खुद को और अपने परिवार को इससे बचाने का आह्वान किया। एसडीएम वैभव गुप्ता ने दीपक जलाकर गोष्ठी की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को आगे चलकर देश चलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठानी है। ऐसे में युवाओं का नशे की लत से दूर रखना जरूरी है। समिति के अध्यक्ष राजेश रस्तोगी ने बताया कि नशा आर्थिक रूप से नुकसान देता है, साथ ही इससे ज्यादा उसे सामाजिक हानि उठानी पड़ती है। कहा युवा वर्ग का नशे की तरफ बढ़ता रुझान उसके परिवार के ही नहीं, पूरे समाज के लिए नुकसानदायक है। पूर्व प्रधान डॉ. तालिब ने कहा कि देहात में स्मैक के नशे का चलन बढ़ना घातक है। इससे नशा करने वाले का जीवन तो बर्बाद होता ही है, उसके परिवार भी इससे प्रभावित होता है। हाईकोर्ट के वकील शुभ्र रस्तोगी ने एनडीपीएस एक्ट 1985 के बारे में जानकारी दी। इसमें स्मैक, अफीम, गांजा, चरस आदि की बरामदगी पर कठोर सजा का प्रावधान है। अपील की कि परिवार में कोई नशे का आदि है तो उसे तत्काल नशामुक्ति केंद्र भिजवाएं। वक्ताओं ने अभिभावकों से भी किशोरावस्था में बच्चों की गतिविधि की निगरानी की अपील की। गोष्ठी में आकिल हसन, मोहम्मद इरशाद, मुकीम, मुंसब, मुस्तफा, ताहिर, मोहन सैनी, नवाब, जनक जोशी, यासीन, जाबिर, सुमन भारद्वाज, आशीष विश्वकर्मा मौजूद रहे। बाद में सभी ग्रामीणों को खुद को और अपने परिवार को नशे से बचाकर रखने की शपथ दिलाई गई।