जलाशयों से सिल्ट और मिट्टी का उठान होगा रायल्टी फ्री, मुख्य सचिव ने दिए नीति बनाने के निर्देश | Jokhim Samachar Network

Monday, April 28, 2025

Select your Top Menu from wp menus

जलाशयों से सिल्ट और मिट्टी का उठान होगा रायल्टी फ्री, मुख्य सचिव ने दिए नीति बनाने के निर्देश

– जलाशयों को पचास साल से भी अधिक का समय हो गया है ऐसे स्तिथि में जलाशयों की क्षमता निरंतर घटती जा रही है। जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट आने से भविष्य में किसानों को सिंचाई के लिए पानी के अभाव और बाढ़ जैसे चुनौतियों के समाधान, जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए डिसीलटिंग जरूरी – राधा रतूड़ी मुख्य सचिव
– गदरपुर में बाबा डल मन्दिर से बौर जलाशय से गूलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक सिंचाई विभाग के माध्यम से कंक्रीट सड़क निर्माण कार्या का वित्तीय अनुमोदन
– देहरादून में न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का अनुमोदन
– देहरादून में पशु प्रजनन फार्म कालसी के सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु कम्प्ररहेन्सिव स्टडी के निर्देश
– पशुलोक ऋषिकेश में हीफर रियरिंग फार्म के सुदृढ़ीकरण के कार्य की भी सैद्धान्तिक स्वीकृति
देहरादून। उत्तराखण्ड के बौर, हरिपुरा, तुमारिया, नानकसागर जैसे जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान, तथा इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जलाशयों के डिसिल्टिंग (सिल्ट या मिट्टी उठान) को रॉयल्टी फ्री करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में सिंचाई विभाग को सभी सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि विभाग द्वारा बौर व हरिपुरा जलाशयों के सिल्ट का कर्मिशयल उपयोग नही किया जा रहा है तो इन जलाशयों के सिल्ट उठान को रॉयल्टी फ्री करने की नीति तैयार करने की दिशा में तत्काल कार्य आरम्भ किया जाए। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को 15 दिन का समय देते हुए वन विभाग के साथ सयुंक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जलाशयों को पचास साल से भी अधिक का समय हो गया है ऐसी स्तिथि में जलाशयों की क्षमता निरंतर घटती जा रही है। जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट आने से भविष्य में किसानों को सिंचाई के लिए पानी के अभाव और बाढ़ जैसे चुनौतियों के समाधान, जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए डिसीलटिंग जरूरी है।
सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उधमसिंह नगर के गदरपुर में बाबा डल मन्दिर से बौर जलाशय से गूलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक सिंचाई विभाग के माध्यम से कंक्रीट सड़क निर्माण कार्या का वित्तीय अनुमोदन दिया। बौर एवं हरिपुरा जलाशय जनपद ऊधमसिंहनगर के विकास खण्ड गदरपुर/बाजपुर में स्थित है। इन बांधों की लम्बाई क्रमशः 9.500 कि०मी० एवं 7.900 कि०मी० तथा जल ग्रहण क्षमता 3650 एवं 1000 मि० घन फुट है। जलाशयों में वर्षा काल की बाढ़ से जल संचय किया जाता है, इन जलाशयों में वर्षभर सिंचाई हेतु कृषकों को पानी दिया जाता है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन हब के रूप में भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाना है। उत्तराखण्ड शासन की महत्वकांक्षी योजना 13 जनपद 13 पर्यटन स्थल में भी बौर-हरिपुरा जलाशय को सम्मिलित किया गया है। इन जलाशयों में पर्यटन की गतिविधियों को बढावा देने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा विगत वर्षों से पर्यटकों हेतु नौकायान एवं अन्य जल क्रीडाओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारी संख्या में पर्यटकों का आवागमन बना रहता है। उक्त जलाशयों के पहुँच मार्ग कच्चे होने के कारण पर्यटकों के सुगम आवागमन में अत्यधिक कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है जिसके लिए यह योजना बनाई गई है। योजना का वित्त पोषण मिसिंग लिंक फंडिंग के तहत किया जा रहा है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *