देहरादून। तीर्थनगरी ऋषिकेश की पहचान दुनिया भर में योग नगरी की है। जहां बड़ी संख्या में विदेश भी शांति और स्वस्थ जीवनशैली की दीक्षा लेने आते हैं। ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में बड़ी संख्या में आश्रम भी मौजूद हैं लेकिन यहां पिछले कुछ समय से लंगूरों ने दहशत फैला रखी है। यहां आने वाले पर्यटकों, साधु-संतों और स्थानीय लोगों पर झपट्टा मारकर लंगूर खाने का सामान छीन लेते हैं. स्वर्गाश्रम में लंगूरों के कब्जे के आगे सब बेबस नजर आ रहे हैं और इसलिए कुछ लोग तो इस क्षेत्र को लंगूरों का स्वर्ग तक कहने लगे हैं।
स्वर्गाश्रम से गुजरने वाले रास्तों पर बड़ी संख्या में बैठकर उत्पात मचाते रहते हैं। इससे देशी-विदेशी पर्यटकों में दहशत का माहौल रहता है। हालांकि इन लंगूरों के लिए स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में कोई भेद नहीं है। यह पर्यटकों से भी खाने का सामान वैसे ही छीनते हैं जैसे कि स्थानीय निवासियों से.यह भी बता दें कि कुछ समय पहले तक यह पूरा क्षेएक कटखने बन्दर के आतंक के साए में था। स्वर्गाश्रम क्षेत्र में वह लंगूर आतंक का पर्याय बन गया था। उसने 50 से ज्यादा तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को काट खाया था। परेशान लोगों ने उस लंगूर की शिकायत शिकायत वन विभाग से की थी लेकिन स्थानीय वनकर्मी भी कटखने लंगूर से हार गए थे। ऋषिकेश के वनकर्मियों के कटखने लंगूर को काबू न कर पाने के बाद वन विभाग ने देहरादून से रेस्क्यू टीम बुलाई. उस टीम को भी लंगूर पर काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी। यह काम इसलिए भी मुश्किल हो गया था क्योंकि दूसरे लंगूर अपने साथी को बचाने के लिए वनकर्मियों पर हमला कर रहे थे। स्थिति कितनी गंभीर थी यह इससे पता चलता है कि रेस्क्यू टीम को बाकी लंगूरों को भगाने के लिए दो राउंड हवाई फायर भी करना पड़ा था। कड़ी मशक्कत के बाद कटखने लंगूर पर काबू पाया जा सका था। अब भी लोगों में डर बना हुआ है कि न जाने कब खाना छीनने वाला कौन सा लंगूर कटखना हो जाए।