देहरादून। जैन मुनि विबुध्द सागर व क्षुल्लक समर्पण सागर महाराज के परम
सानिध्य में दिगम्बर जैन समाज की ओर से मनाए जा रहे दशलक्षण पर्व के
अंतिम दिन रविवार को सभी जैन मंदिरों में अनंत चतुर्दशी पर्व हर्षोल्लास
से मनाया गया। जैन मंदिरों में श्रद्धालु उमड़े, अनंतनाथ भगवान की पूजा
की गई। विभिन्न मंदिरों में भगवान का कलषाभिषेक किया गया। पर्युषण पर्व
के अंतिम दिन जैन समाज के लोगों ने व्रत रखा और व्रत पूरे होने पर अनेक
व्रत का उद्यापन किया। इसके तहत मंदिरों में प्रात:काल जाप, अभिषेक, वृहद
शांतिधारा, नित्य नियम पूजन किया गया। इस मौके पर प्रवचन भक्ति में मुनि
श्री जी ने कहा कि समस्त धर्मों का राजा ब्रह्मचर्य धर्म है। ब्रह्मचर्य
यानि ब्रह्म स्वरूप आत्मा में चर्या करना लीन होना। उसका आस्वादन करना ही
वास्तविक उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है। उत्तम ब्रह्मचर्य सभी जीवों को अपने
अंतरंग में धारण करना चाहिए। जो भी आयु में अपने से बड़ी स्त्रियां हैं,
उन्हें माता के समान, अपने समान आयु की स्त्रियों को बहन के समान तथा
अपने से छोटी स्त्रियों को बेटी के समान देखना चाहिए। मुख्य लड्डू
चंद्रसेन जैन, विनोद कुमार जैन ने चढ़ाया। इस अवसर पर दोपहर को धर्मशाला
प्रांगण में भव्य पालकी यात्रा तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम व पारणा
महोत्सव सौरभ सागर सेवा समिति द्वारा किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने पूरी
भक्ति के साथ अनंत चतुर्दशी कार्यक्रमों का आनंद पूर्वक पुण्यार्जन किया।
इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने बताया कि 21 सितंबर सुबह 9 बजे
क्षमावाणी महापर्व जैन मिलन देहरादून के तत्वाधान में आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी मधु सचिन जैन, महामंत्री हर्ष जैन, आशीष जैन,
अर्जुन जैन, अमित जैन, अजित जैन, नरेश चंद जैन, सचिन जैन, ममलेश जैन,
सुनील जैन, सुखमाल जैन आदि मौजूद रहे।