उपकरणों के बिना कैसे बुझेगी जंगलों की आग | Jokhim Samachar Network

Thursday, March 28, 2024

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उपकरणों के बिना कैसे बुझेगी जंगलों की आग

देहरादून। प्रदेश सरकार जिन जंगलों को देश का ऑक्सीजन टैंक कहते ही और इनके नाम पर केंद्र से ग्रीन बोनस की मांग करती रही है उसे बचाने के लिए वन विभाग सक्षम ही नहीं है या इसके कर्ता-धर्ता इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य के वनों को बचाने के लिए वनकर्मियों के पास अपनी सुरक्षा से लेकर आग बुझाने के लिए जरूरी उपकरण ही नहीं हैं। हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
बता दें कि इस साल भी वनाग्नि से राज्य के जंगलों को भारी नुकसान हुआ है और वन विभाग ने पिछले कुछ सालों की तरह वनाग्नि बुझाने में अक्षमता जाहिर करते हुए हाथ खड़े कर दिए थे। बारिश शुरु होने के बाद ही जंगलों की आग बुझ सकी थी।
वकील संदीप तिवाड़ी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि वन विभाग पर वनों और वन्यजीवों को बचाने का दायित्व है लेकिन जमीन पर काम कर रहे कर्मचारियों के पास काम करने के लिए आवश्यक उपकरण है ही नहीं. इसके अभाव में विभाग का मूल काम प्रभावित हो रहा है।
याचिका में कहा गया है कि आग लगने के दौरान आग बुझाने के उपकरण, आग से बचाने वाले कपड़े और सेटेलाइट फोन जैसी सुविधाएं वनकर्मियों के पास हैं ही नहीं. याचिका में यह भी कहा गया है कि अगर किसी वन्य जीव का शिकार हो रहा है तो उसे बचाने के लिए बंदूक, जंगल में जाने के लिए स्पेशल ड्रेस, जूते जैसी चीजें भी वनकर्मियों को उपलब्ध नहीं हैं।
याचिका में मांग की गई है कि जो वनकर्मी वनों को बचाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं उनको अपना जीवन और वन्यजीवों, वनों को बचाने के लिए जरुरी उपकरण दिए जाएं. कोर्ट ने पूरे मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए राज्य व केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है।

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