आयुष छात्रों की लड़ाई को माननीय सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत | Jokhim Samachar Network

Friday, April 19, 2024

Select your Top Menu from wp menus

आयुष छात्रों की लड़ाई को माननीय सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

 

डोईवाला से आसिफ हसन की रिपोर्ट-

फीस बढ़ोतरी पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कॉलेज प्रबंधन की याचिका निस्तारित

पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर भी प्रतिबंध

लौटी छह हजार आयुष छात्रों के चेहरों की रौनक

देहरादून। लंबे समय से निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों द्वारा फीस बढ़ोतरी के विरुद्ध आंदोलन कर रहे छात्रों को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इसे आयुष छात्रों को सुप्रीम राहत और निजी कॉलजों को सुप्रीम झटके के रूप में देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय के विरुद्ध दायर की गई हिमालयन आयुर्वेदिक कॉलेज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई पूरी कर ली। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्र, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने नैनीताल उच्च न्यायालय के निर्णय को उचित ठहराते हुए याचिका निस्तारित कर दी। इतना ही नहीं, खंडपीठ ने कॉलेज प्रबंधन पर निर्णय के लागू करने से पूर्व किसी अन्य पुनर्विचार याचिका दायर करने पर भी रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से प्रदेश के 6000 आयुष छात्रों को भारी राहत मिली है।

निजी कॉलेजों की फीस को लेकर मनमानी के खिलाफ छात्र लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। इस लड़ाई में छात्रों के लिये संघर्ष व माननीय उच्च न्यायालय में जन हित याचिका दायर करने वाले मोहित उनियाल बतातें हैं कि यह प्रकरण 2016 से उच्च न्यायालय और उत्तराखण्ड शासन के बीच उलझा था। उत्तराखण्ड सरकार ने वर्ष 2016 में बिना शुल्क निर्धारण समिति गठित किए निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध छात्र नेता ललित तिवारी ने नैनीताल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर उच्च न्यायालय ने सरकार के विरुद्ध निर्णय दिया। लेकिन इसके बाद भी कॉलेजों ने मनमाने तरीके से फीस वृद्धि जारी रखी। छात्रों ने शासन से लेकर राज्यपाल तक विभिन्न स्तरों पर अपना पक्ष रखा। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

मोहित बताते हैं कि इस दौरान उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के दो अन्य निर्णय भी छात्रों के पक्ष में रहे। लेकिन निजी कॉलेजों ने उच्च न्यायालय के निर्णय का पालन भी नहीं किया। इसके बाद अगस्त 2019 में छात्रों ने देहरादून में अनशन शुरू कर दिया। नवंबर-19  में राज्य सरकार ने निजी कॉलेजों को सख्ती से उच्च न्यायालय के आदेशों के पालन करने को कहा। लेकिन कॉलेज प्रबंधन पर ने पालन नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट चले गए। आज सुप्रीम कोर्ट की खंड पीठ ने छात्रों को सुप्रीम राहत और मनमानी पर आमादा निजी कॉलजों को सुप्रीम झटका दिया है ।
मोहित उनियाल ने कहा कि छात्रों के इस संघर्ष को हम सलाम करते हैं । इस निर्णय से प्रदेश के निजी कॉलेजों की मनमानी रुकेगी व छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से पहले निजी कॉलेज हज़ार बार सोचेंगे व शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लगेगी ।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *