पौड़ी। पर्यटन नगरी पौड़ी में सात दिवसीय ग्रीष्मोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या स्थानीय सांस्कृतिक संस्थाओं के नाम रही। संयुक्त रूप से भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। गढ़कला सांस्कृतिक संस्थान, परम पर्वतीय रंगमंच, गढ़ श्रेष्ठ लोक कला शैलजा सांस्कृतिक समिति मोनिका ड्रीम पायल क्लब और गढ़ ज्योति सांस्कृतिक के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक संध्या में साक्षी डोभाल के गाए गीत बदरी केदार का दर्शन और मन भरमैगे ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। कोरोना काल के बाद आयोजित हो रहे पौड़ी ग्रीष्मोत्सव की शुरुआत शाम को मार्च पास्ट और विभिन्न महकमों की झांकियों से शुरू हुई। इसके बाद रामलीला मैदान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ। पहली सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत भूमियाल देव कंडोलिया देवता की स्तुति से हुई। इसके बाद एक -एक कर ग्वीराला फूल फुलीगे, डांडा बासी चल कुड़ी, घसियारी नृत्य सहित उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के लोकनृत्य ने रामलीला मैदान में समा बंधा। वहीं साक्षी डोभाल के गाये गीत बदरी केदार का दर्शन और मन भरमैगे को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। सांस्कृतिक संध्या में संगीत पक्ष में तपेश्वर प्रसाद, विकास स्नेही, दीपक पंवार, भक्ति शाह, अभिनव जॉली, रोहित मंद्रवाल, भरत सिंह, नागेंद्र बिष्ट, रवि और अर्नव पोली थे। वहीं गायक की भूमिका में प्रेमबल्लभ पन्त, नरेंद्र धीमान, दिगम्बर धीमान, प्रीति कोहली, जयश्री रहे। नृत्य निर्देशन की जिम्मेदारी अंकित नेगी और गौरव गैरोला ने निभाई। वस्त्र सज्जा में रमन रावत रही। कार्यक्रम संयोजन त्रिभुवन उनियाल का रहा । इससे पूर्व सांस्कृतिक संध्या का विधिवत शुभारंभ करते हुए पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी ने कहा कि पौडी के कलाकार और यहां की प्रतिभाएं आज देश और दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही हैं। पोरी ने कहा कि आवश्यक है कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाए। कार्यक्रम में पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, लोकगायक अनिल बिष्ट, सुषमा रावत, नमन चन्दोला सहित संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे। सांस्कृतिक संध्या का संचालन योगम्बर पोली ने किया।