काशीपुर। किसान मेले में बढ़ती ग्रीष्मकालीन धान की फसल पर पानी की अधिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए मक्का समेत अन्य फसलों को लगाने पर जोर दिया गया। साथ ही भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं की किसानों को जानकारी दी गई। मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी किसान मेले का आयोजन मं किया गया। जिसमें 625 किसानों एवं कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान हुई गोष्ठी में कृषि मंत्रालय भारत सरकार के डॉ. एके सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में वर्ष 2023 में पोषक अनाज वर्ष बनाया जा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अजय वर्मा ने कहा कि किसान गेंहू की फसल कटने के बाद जो अवशेष बच रहा है उसमें आग लगा रहे हैं। यह अच्छी प्रैक्टिस नहीं है। इससे जहां खेती की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। फसलों को नुकसान करने वाले कीटों को कंट्रोल करने वाले मित्र कीट भी खत्म होते जा रहे हैं। इससे आगे आने वाली फसलों के लिए कीट रोग बढ़ने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि किसान बची हुई फसल आग न लगाए। हम इसमें संबंधित यंत्र उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे बची फसल को आग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिले में ग्रीष्म कालीन धान अधिक देखने को मिल रहा है। लेकिन इससे काफी नुकसान हो रहा है। पूरे जिले में काशीपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा पानी लेबल डाउन है। वर्मा ने कहा कि ग्रीष्मकालीन धान को कम से कम बोयें और किसान मक्का की फसल लगाएं। अन्य वक्ताओं ने कहा कि एक नई तकनीक आई है। जिसमें धान की सीधी बुआई की जा सकती है। पंजाब और हरियाणा में 40 प्रतिशत एरिया में बुआई इसी तकनीक से हो रही है। जनपद में यह आकंड़ा लगभग शून्य है। इसलिए इस तकनीक को बढ़ावा देने की जरूरत है। कृषि विज्ञान केंद्र में इस तकनीक का प्रयोग किया गया था। इससे सभी प्रकार के खर्चे तो कम हुए ही साथ ही उपज भी ज्यादा हुई और पानी की भी बचत हुई। कार्यक्रम में मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. भावना जोशी ने उद्यान, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अंकित कुमार व अन्य विभागीय अधिकारियों ने किसानों के लिये सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम करने वाले 28 किसानों को पुरस्कृत किया गया। मेला में रेशन विकास विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, मत्स्य विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन विभाग, राष्ट्रीय बीज निगम समेत 27 संस्थानों द्वारा स्टॉल लगाकर योजनाओं को प्रदर्शित कियरा गया और किसानों को जानकारी दी गई । यहां विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे, किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, डॉ. अनिल शर्मा, किसान बलकार सिंह, दिलबाग सिंह, सुरजीत डाबर, सुरेश राणा समेत अन्य किसान मौजूद रहे।