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Saturday, April 20, 2024

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दिव्य शरीर में ही दिव्य जीवन सम्भवः डा. साध्वी देवप्रिया

हरिद्वार । पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भव्य योग सप्ताह के पांचवें दिन देश के योग, आयुर्वेद एवं वैदिक संस्कृति के मूर्धन्य विद्वानों द्वारा लाईव व्याख्यानमाला सम्पन्न हुई। इस दौरान राष्ट्रीय वेबिनार के आयोजन सचिव एवं विश्वविद्यालय के सहायक कुलानुशासक स्वामी परमार्थदेव ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। प्रथम सत्र में योग विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ0 निधीश यादव ने अपने सम्बोधन में योग से सम्बन्धित सामान्य भ्रान्तियों को दूर करते हुए योग एवं आयुर्वेद को सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व विकास के लिए एक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति बताया।
द्वितीय सत्र में पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका, दर्शन शास्त्र विभाग की अध्यक्षा, भारत स्वाभिमान एवं महिला पतंजलि योग समिति की केन्द्रीय प्रभारी वैदिक विदुषी डॉ0 आचार्य पूज्या साध्वी देवप्रिया जी द्वारा ‘दिव्य शरीर में दिव्य जीवन’ विषय पर अपने दिव्य अनुभव व प्रेरणादायी उद्बोधन से लाईव कार्यक्रम से जुडे सभी विद्यार्थियों, आचार्यों एवं योग मार्ग के साधकों को आप्लावित, उत्साहित व अभिप्रेरित किया गया।
‘स्वास्थ्य संरक्षण में त्रिबन्ध की उपयोगिता’ विषय पर चर्चा करते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय के पूर्व संकायध्यक्ष, योग विभाग के अध्यक्ष एवं योग विद्या के विद्वान् आचार्य प्रो0 जी0 डी0 शर्मा ने तृतीय सत्र की शुरूआत की। डॉ0 शर्मा ने हठयोग में वर्णित बन्ध की प्रक्रिया, इसके मनो-शारीरिक लाभ, निषेध आदि सम्बन्धी वैज्ञानिक विचार रखे।
सायंकालीन सत्र में अतिथि वक्ता के रूप में सम्बोधन देते हुए भारत सरकार के आयुष मंत्रलय के अन्तर्गत संचालित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, दिल्ली के निदेशक एवं योग के ख्यातिलब्ध विद्वान् डॉ0 ईश्वर वी0 बसवारेड्डी जी ने वर्तमान समय में अतर्राष्ट्रीय योग दिवस की महत्ता एवं उपादेयता पर चर्चा की। इस अवसर पर एम.ए. एवं एम.एस.सी. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों सहित वैदिक गुरूकुलम के श्रेष्ठ सन्यासी भाई-बहनों द्वारा उच्चस्तरीय योगाभ्यास की उत्कृष्ट लाईव प्रस्तुति भी दी गयी।

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