गरीब अरबपतियों के ऋण बट्टे खाते में डाले जा सकते हैं तो वास्तविक गरीबों के ऋण क्यों नहींः मोर्चा | Jokhim Samachar Network

Thursday, April 25, 2024

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गरीब अरबपतियों के ऋण बट्टे खाते में डाले जा सकते हैं तो वास्तविक गरीबों के ऋण क्यों नहींः मोर्चा

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश के नामी-गिरामी गरीब अरबपति उद्योगपतियों के ऋण बट्टे खात एनपीए (माफ करने की दिशा में उठाया गया कदम) में डालकर निश्चित तौर पर देश को आर्थिक रूप से खोखला करने की दिशा में  उठाया गया जबरदस्त कदम है। नेगी ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि देश का गरीब किसान, मझोला व्यापारी व अन्य गरीब एक-आध लाख रुपए का कर्ज लेकर उसको न चुकाने की स्थिति में आत्मघाती जैसे कदम उठाने को मजबूर है तथा उसका परिवार खौफ के साए में जीता है। अगर कोई किसान, व्यापारी कर्ज लेता है तो बैंक उसकी व जमानत लेने वाले दोनों की संपत्ति को कुर्क कर जेल में डाल देता है तथा वहीं दूसरी ओर गरीब अरबपति लोग लंदन जैसे शहरों में शरण लेकर आराम फरमा रहे होते हैं। नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा कल ही 50 गरीब अरबपतियों, उद्योगपतियों, पूंजीपतियों के 68071 करोड रुपए के ऋण लगभग माफ करने की दिशा में कदम उठाया है यानी एक तरह से माफ कर दिए गए हैं। सरकार द्वारा इन उद्योगपतियों के बदले एक करोड़ किसानों, व्यापारियों के कर्ज माफ किए जा सकते थे लेकिन इनके पास राजनीतिक दलों को चंदा रूपी रिश्वत देने को पैसा नहीं है। नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भी पूंजी पतियों के कर्ज बट्टे खाते एनपीए में डालकर गलती की थी लेकिन उस सरकार द्वारा गरीब किसानों के कर्ज भी माफ किए गए थे लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार को सिर्फ पूंजीपतियों की ही फिक्र है। मोर्चा कर्ज में डूबे किसानों, व्यापारियों व अन्य लोगों से अपील करता है की जागरूक हों।

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