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Thursday, March 28, 2024

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हिमालय, नदियों और जलस्रोतों के संवर्द्धन को बनेगी कमेटी: सीएम

ऋषिकेश।  हिमालय संरक्षण के लिए उत्तराखंड सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय, नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने की घोषणा की है। कमेटी सर्वे करने के बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी। उसके आधार पर हिमालय के साथ पर्यावरण संरक्षण, नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए सरकार विशेष रूप से काम करेगी। शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्थाओं से पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की। सीएम ने कहा कि जल्द हिमालय से लगते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हिमालय संरक्षण की दिशा में बेहतर कदम उठाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। कहा कि हम सभी को मिलकर हिमालय के संवर्द्धन और संरक्षण के साथ ही अनवरत विकास के लिए कार्य करना होगा। विकास और आर्थिकी, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, इकोनामी और इकोलॉजी के लिए एकजुट होना होगा। हमारे देश की वायु, जल, मिट्टी और जंगलों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हिमालय को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त करना होगा। स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि उत्तर भारत की अधिकांश नदियां हिमालय से ही निकलती है। बर्फ की सफेद चादरों से ढके हिमालय की गोद में भारत की आत्मा बसती है। हिमालय हमारी प्राणवायु का स्रोत ही नहीं बल्कि भारत की बड़ी आबादी की प्यास भी बुझाता है। हमें पीस टूरिज्म, ऑक्सीजन टूरिज्म, योग और ध्यान टूरिज्म को बढ़ावा देना होगा। वन और तकनीकी मंत्री सुबोध उनियाल ने पौधरोपण को प्रेरित किया। कहा कि एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान है। बाल विकास और पोषण मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार बेबी रानी मौर्य ने कहा कि परमार्थ निकेतन और उत्तराखंड अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा के स्रोत हैं। मेरा मन नहीं होता कि इस पवित्र और शान्तप्रिय स्थान को छोड़कर कहीं और जाएं। हेस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हिमालय के संरक्षण के लिए जन आन्दोलन तथा सरकार की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। हमें विकास के आदर्श मॉडल को तैयार करना होगा। देश में विकास और परिस्थितिकी विकास साथ-साथ हो इस हेतु समाज और सरकार दोनों को चिंतन करना होगा। हिमालय के संवर्द्धन के लिये सभी तंत्रों को एक मंच पर लाना होगा। इस अवसर पर विधायक यमकेश्वर रेणू बिष्ट, विधायक थराली भूपालराम टम्टा, वैज्ञानिक और वन अनुसंधान संस्थान में वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. सुभाष नौटियाल, विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश सर्वज्ञ, डीन सीमा डेंटल कॉलेज डॉ. हिमांशु ऐरन, अध्यक्ष बदरी केदार समिति अजेन्द्र अजय, साकेत बडोला, डॉ. योगेश्वरी, डॉ. रीमा पंत, डॉ. किरण नेगी, डॉ. डीपी उनियाल आदि मौजूद थे।

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