देहरादून। बलभद्र खलंगा विकास समिति की ओर से आयोजित 45 वें ऐतिहासिक खलंगा मेले में सेनानायक बलभद्र थापा और वीर सैनिकों की वीरता को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति से वाहवाही लूटी। मेले में गोरखा राईफल्स का खुखरी नृत्य और आमी बैंड की धुन मुख्य आकर्षण रहे।
रविवार को नालापानी सागरताल परिसर में कार्यक्रम का शुभांरभ बलभद्र खलंगा युद्ध स्मारक में पुष्प अर्पित कर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुरूआत सामूहिक राष्ट्रीय गान के साथ हुई। इसके बाद किरात राई समाज का चंडी नृत्य, तमु धी गुरूंग समाज का टिक टाक म देखेको और भारतीय मगर समाज का लोक नृत्य कसले किनी दियो कांछी छन छन बजने चूरा की प्रस्तुति पर कलकारों ने तालियां बटोरी। वहीं गोरखा राइफल्स के जवानों का खुखरी नृत्य और आर्मी बैंड की धुन पर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। ऐतिहासिक खलंगा मेले के बारे में जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष डीएस खडक़ा ने बताया कि अंग्रेजों से बहादुरी से लडऩे वाले सेनानायक बलभद्र थापा की याद में समिति हर साल नालापानी सागरताल में मेले का आयोजन करती है। कार्यक्रम का संचालन पूजा सुब्बा ने किया।