रुड़की। नगर निगम की बोर्ड बैठक करीब दस माह बाद हुई। पिछली बोर्ड बैठकों की तरह इस बार भी जमकर हंगामा हुआ। पार्षद आपस में भी उलझते रहे तो मेयर के साथ भी उनकी तीखी नोकझोंक हुई। शनिवार को साढ़े ग्यारह बजे नगर निगम बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। करीब आधे घंटे बाद बोर्ड बैठक शुरू हुई। पहले से ही बोर्ड बैठक में हंगामे के आसार थे। बैठक शुरू होते ही दो महिला पार्षद आपस में उलझ गईं। निगम सभागार में पार्षदों के लिए उनके वार्ड के अनुसार अलग-अलग कुर्सी आवंटित की गई थी। मेयर विरोधी और मेयर समर्थक पार्षद अलग-अलग जगह बैठे। मेयर विरोधी खेमे के पार्षदों ने जैसे ही पारित और खारिज प्रस्तावों की सूची एमएनए को दी उसके बाद विवाद बढ़ गया। मेयर के सारे प्रस्ताव तो खारिज हुए ही, मेयर गुट के माने जाने वाले पार्षदों के प्रस्ताव भी अस्वीकृत कर दिए गए। पार्षद विवेक चौधरी ने पार्षद एकता की बात कही और मेयर पर कूटनीति और राजनीति करने का आरोप लगाया। मेयर ने पुराने अधिकारियों के सिर ठीकरा फोड़ना शुरू करते हुए कहा कि आधे पार्षद ठेकेदारी कर रहे। पार्षद चौधरी ने कहा कि आज जो अधिकारी निगम में आए हैं मेयर दस दिन बाद उन पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाना शुरू कर देंगे। पार्षद अपनी कुर्सियां छोड़कर बीच में आए गए। कई पार्षदों की मेयर से तीखी नोकझोंक हुई। प्रस्ताव गिराए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पार्षद एक-दूसरे से भी उलझते रहे। जिसके हाथ में माइक आता वही अपनी बात रखने का प्रयास करता। वरिष्ठ पार्षद बेबी खन्ना ने संयम रखने को कहा। लेकिन बवाल थमा नहीं। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद बैठक स्थगित हो गयी।