देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक डॉ. लूना पंत ने जागरूकता माह के तहत पत्रकारों से वार्ता कर कहा कि महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का एक प्रमुख कारण सर्वाइकल कैंसर है। 10 में से केवल दो महिलाएं ही इसके बारे में जानती हैं, जो की मृत्युदर को बढ़ा सकती है। सवाईकल कैंसर की रोकथाम के लिए नियमित जांच एवं टीकाकरण बेहद जरूरी है। महिलाएं शुरूआत में लापरवाही बरतती है और जब डॉक्टर के पास पहुंचती है तो समस्या गंभीर हो जाती है। एचपीवी बढ़ने और गर्भाशय कैंसर के जोखिम कारकों में धूम्रपान, प्रारंभिक वैवाहिक उम्र, कम उम्र में कई गर्भधारण, कई यौन साथी होने, अन्य यौन संचारित के साथ सह-संक्रमण और मौखिक गर्भनिरोधकों के लंबे समय तक उपयोग आदि है। किशोरियों को भी समय रहते गर्भाशय के कैंसर के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देनी चाहिए। ज्यादातर महिलाओं में शुरुआती कैंसर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। मेडिकल आंकोलॉजी की कंसलटेंट डॉ रुनु शर्मा ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण या कारणों में रक्त के धब्बे, हल्के रक्तस्राव, मासिक धर्म रक्तस्राव, संभोग के बाद रक्तस्राव, योनि स्राव में वृद्धि, संभोग के दौरान दर्द, रजोनिवृत्ति या लगातार पीठ दर्द के बाद रक्तस्राव है। 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच करानी चाहिए। लड़कियों को यौन संबंधन बनाने से पहले टीकाकरण करवा लेना चाहिए। एसोसिएट कंसलटेंट आंकोलॉजी डॉ. अमित सकलानी ने कहा कि एचपीवी वैक्सीन लगवाएं, नियमित रूप से पैप परीक्षण करवाएं, असामान्य पैप स्मीयरों का पालन करें, सुरक्षित सेक्स करें और धूम्रपान न करें।