
विकासनगर। तहसील में रोजमर्रा के काम निपटाने के लिए पहुंचे ग्रामीणों को किसी अधिकारी कर्मचारी के न मिलने से गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब भी वह तहसील से सबंधित कार्यों को निपटाने दूरस्थ गांवों से आते हैं तब अधिकारी कर्मचारी नदारद मिलते हैं। जिससे उनकी फजीहत होती है। जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के मुख्य स्थल चकराता तहसील आज होमगार्ड के भरोसे चल रही है। चकराता तहसील में तहसीलदार एसडीम तो दूर एक लिपिक, रजिस्टार कानूनगो व पटवारी तक नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते चकराता तहसील से जुड़े ग्रामीण आज सुबह से ही अपने कामों को लेकर तहसील में आये। लेकिन वहां पर उन्हें अधिकारियों व कर्मचारियों के न मिलने से बैरंग वापस लौटना पड़ा। शुक्रवार सुबह से ही चकराता तहसील में मात्र तीन कर्मचारी मौजूद रहे। जिसमें एक होमगार्ड, एक जनाधार का ऑपरेटर व एक अन्य कर्मचारी तहसील में उपस्थित दिखे। ऐसे में सैकड़ों किलोमीटर दूर से आए ग्रामीणों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। तहसील में आए ग्रामीण सतीश चौहान, कुंवर सिंह चौहान, भगत चौहान, मंजीत सिंह, रमेश रावत, महेंद्र सिंह, मोहर सिंह, जगवीर सिंह आदि का कहना है कि चकराता तहसील की यही स्थिति है। यहां पर कभी भी समय पर कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं होता है। उन्हें हर काम को कराने के लिए कई चक्कर काटने पड़ते हैं। इसके बाद भी अधिकारी उन्हें कालसी या देहरादून में ही मिलते हैं। उन्होंने कहा कि तीन तहसीलें बनने के बाद अधिकारी अपनी मनमानी करने लगे है। ग्रामीणों ने कहा कि पहले अधिकारी एक जगह तो मिलते थे। अब एक दूसरी तहसील में होने या जिले में मीटिंग कहकर गायब रहते हैं। उपजिलाधिकारी चकराता सौरव असवाल व तहसीलदार मुकेश चंद रमोला का कहना था कि कुछ कर्मचारी मीटिंग के लिए देहरादून में कुछ कर्मचारी कालसी में आयोजित मीटिंग में मौजूद थे।